सवर्ण आरक्षण के बाद अब किन मुद्दों पर दांव लगाएगी भाजपा, रामलीला मैदान में चलेगा पता

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले हो रही भाजपा की अंतिम राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी तय कर सकती है कि दस फीसदी सवर्णों को रिजर्वेशन देने के बाद अब और किन मुद्दों पर दांव लगाया जाए। पार्टी के भीतर भी इस बात को लेकर उत्सुकता है कि रामलीला मैदान से इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किस तरह की एक्शन लाइन का संदेश देते हैं। पिछली बार 2014 में उन्होंने अपना विजन सामने रखा था। लेकिन इस बार माना जा रहा है कि पांच साल की उपलब्धियों के अलावा वे बेरोजगार भत्ता और महिला रिजर्वेशन बिल समेत कुछ और मुद्दों पर अपने संकेत दे सकते हैं।
BJP will run on betting issues after the reservation, Ramlila will run in the Ground
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि चूंकि यह राष्ट्रीय परिषद के रूप में राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है, ऐसे में प्रधानमंत्री इसके समापन भाषण के जरिए न सिर्फ अपने कार्यकतार्ओं बल्कि देश के वोटरों को भी संदेश देंगे। इनमें वे न सिर्फ पिछले पांच वर्ष के अपने कामकाज के रूप में उपलब्धियां गिनाएंगे बल्कि वे उन नए मुद्दों को भी सामने रख सकते हैं, जिन पर अभी काम होना है। इसके अलावा वे बेरोजगार भत्ते और महिला रिजर्वेशन बिल जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर भी दांव खेल सकते हैं। हालांकि ये दोनों ही मुद्दे महत्वपूर्ण हैं लेकिन इनके जरिए प्रधानमंत्री इसे एक बड़े वादे के रूप में पेश कर सकते हैं।

गुरुवार को बीजेपी युवा मोर्चा की अध्यक्ष पूनम महाजन ने भी कहा कि महिला रिजर्वेशन बिल पास होना चाहिए। उनका कहना था कि अभी भी वक्त हाथ से गया नहीं है और अभी संसद का एक और सत्र बचा हुआ है। इससे पहले पार्टी के ही नेता रविशंकर प्रसाद ने भी इस तरह का संकेत देते हुए कहा था कि सवर्णों को रिजर्वेशन देने वाला फैसला प्रधानमंत्री का पहला छक्का है और ऐसे कई और छक्के लगेंगे।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी का पूरा फोकस लोकसभा चुनाव पर ही रहने वाला है। ऐसे में पार्टी चाहेगी कि इस अधिवेशन से इस तरह का संकेत जाए कि न सिर्फ कार्यकतार्ओं का मनोबल उंचा हो बल्कि लोगों में भी उत्साह का संचार हो। पार्टी के एक सीनियर लीडर के मुताबिक इस अधिवेशन में हिस्सा लेने आ रहे जमीनी कार्यकतार्ओं में भी यह उत्सुकता रहेगी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किस तरह के लाइन आॅफ एक्शन का ऐलान करते हैं।

हिसाब-किताब के जरिए उपलब्धियां: प्रधानमंत्री इस अधिवेशन में अपनी सरकार के पांच साल के कामकाज का हिसाब-किताब पेश कर सकते हैं। इसके जरिए वे अपनी सरकार की उपलब्धियों का भी प्रचार कर सकते हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह एक तरह का कार्यकतार्ओं का महासंगम होगा और इसका मकसद यही है कि जब कार्यकर्ता चुनाव के लिए मैदान में जाएं तो उन्हें यह जानकारी होनी चाहिए कि वे किन मुद्दों पर जनता से बातचीत करें और किन वायदों और मुद्दों पर वोट मांगें।

प्रस्ताव भी आएंगे: बीजेपी सूत्रों का कहना है कि फिलहाल इस अधिवेशन में तीन प्रस्ताव लाने पर विचार हो रहा है लेकिन अंतिम फैसला पदाधिकारियों की बैठक में होगा। इनमें से राजनीतिक प्रस्ताव गृहमंत्री राजनाथ सिंह रख सकते हैं। इसके अलावा आर्थिक प्रस्ताव होगा और अगर तीसरा प्रस्ताव आता है तो वह इंटरनरल सिक्युरिटी पर हो सकता है।