भाजपा के जेठमलानी अदालत में करेंगे कांग्रेस की पैरवी, कर्नाटक सरकार के खिलाफ दायर की याचिका

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नई दिल्ली। कर्नाटक की सियासी लड़ाई में अब वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी भी कूद पड़े हैं। राम जेठमलानी ने कर्नाटक के राज्यपाल द्वारा बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जेठमलानी ने राज्यपाल के फैसले को ‘संवैधानिक शक्ति का घोर दुरुपयोग’ बताया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने तत्काल सुनवाई के लिए दायर की गई जेठमलानी की याचिका पर विचार किया और कहा कि गुरुवार तड़के कर्नाटक मामले की सुनवाई करने वाली तीन सदस्यीय स्पेशल बेंच शुक्रवार को इस पर सुनवाई करेगी।
BJP’s Jethmalani court will lodge a complaint against Congress, Karnataka government
शुक्रवार को राम जेठमलानी ने कर्नाटक के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला उठाते हुए कहा कि ‘मैं इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर अपना पक्ष रखना चाहता हूं। इस पर कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए। मैं निजी तौर पर आया हूं किसी पार्टी के तरफ से नहीं आया।’ इसपर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि ‘यह मामला जस्टिस एके सिकरी की अगुवाई वाली बेंच सुन रही है। वह बेंच शुक्रवार को बैठेगी। लिहाजा आप इस मामले को वहां उठा सकते हैं।’ इसके बाद जेठमलानी ने कोर्ट के बाहर निकले जेठमलानी ने राज्यपाल के आदेश को संवैधानिक अधिकार का दुरुपयोग बताया। जेठमलानी अब इस मामले को शुक्रवार को उठाएंगे।

आपको बता दें कि कर्नाटक में येदियुरप्पा सरकार का गठन हो गया है लेकिन इस पर विवाद लगातार जारी है। कांग्रेस और जेडीएस ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल संविधान की अवहेलना कर रहे हैं। जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने मोदी सरकार विधायकों को अपने पाले में करने के लिए ईडी की मदद से डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। इससे पहले कुमारस्वामी ने यह भी आरोप लगाया था कि बीजेपी उनके विधायकों को 100-100 करोड़ रुपये का आॅफर दे रही है।

राज्पाल द्वारा बीजेपी को सरकार बनाने की अनुमति देने के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। गुरुवार देर रात से तड़के तक सुप्रीम कोर्ट में इस इस मामले पर जिरह हुई। केंद्र सरकार की ओर से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, बीजेपी की ओर से पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में पेश हुए।

हालांकि कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके बाद गुरुवार सुबह 9 बजे के करीब येदियुरप्पा ने कर्नाटक सीएम पद की शपथ ली। कोर्ट ने इस बात को माना है कि विश्वास मत साबित करने के लिए दिए गए 15 दिन के समय पर सुनवाई हो सकती है। जेठमलानी ने राज्यपाल के फैसले को ‘संवैधानिक शक्ति का घोर दुरुपयोग’ बताया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने तत्काल सुनवाई के लिए दायर की गई जेठमलानी की याचिका पर विचार किया और कहा कि गुरुवार तड़के कर्नाटक मामले की सुनवाई करने वाली तीन सदस्यीय स्पेशल बेंच शुक्रवार को इस पर सुनवाई करेगी।