उपचुनाव में घटा भाजपा का वोट प्रतिशत, 2019 जीतना होगा मुश्किल

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नई दिल्ली। देश की चार लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। यदि इसमें कर्नाटक की आरआर नगर विधानसभा सीट का परिणाम भी जोड़ लें तो स्कोर 3-12 हो जाता है। बीजेपी के लिए चिंता की सबसे बड़ी बात यह है कि 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद 27 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए जिनमें से 24 पर बीजेपी सीधे तौर पर लड़ी थी लेकन सिर्फ 5 सीटें ही जीत पाई, बाकी सीटें उसने विपक्ष के हाथों गंवा दी। यदि इन नतीजों का विश्लेषण करें तो बीजेपी जीती हुई सीटें ही नहीं हार रही है, बल्कि उसका वोट शेयर भी घट रहा है, और ऐसे ही वोट शेयर गिरता रहा तो 2019 भाजपा को जीतना मुश्किल हो जाएगा।
BJP’s vote percentage reduced in by-election, 2019 will be difficult
फिसल गई कैराना सीट
सबसे पहले नजर दौड़ाते हैं यूपी की चर्चित लोकसभा सीट कैराना पर। 2014 में बीजेपी सांसद हुकुम सिंह को यहां 50.6 फीसदी वोट मिले थे। हुकुम सिंह के निधन के बाद यहां उपचुनाव हुए और बीजेपी की मृगांका सिंह को आरएलडी की तबस्सुम ने हरा दिया। यदि बीजेपी पिछले चुनाव में मिले वोट बरकरार रख पाती तो उसकी जीत तय थी। लेकिन गोरखपुर और फूलपुर के बाद यहां भी बीजेपी के मुकाबले विपक्ष एकजुट हो गया और बीजेपी को महज 46.5 फीसदी वोट मिले।

पालघर और गोंदिया-भंडारा में भी निराशा
कुछ ऐसा ही खेल महाराष्ट्र की दो लोकसभा सीटों पर भी हुआ। पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार पालघर में 9 फीसदी और गोंदिया-भंडारा में 23 फीसदी वोट बीजेपी को कम मिले। हालांकि, 2014 के आम चुनाव में शिवसेना उसकी पार्टनर थी। चौंकाने वाली बात यह है कि 2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले गोंदिया-भंडारा में कांग्रेस-एनसीपी अलायंस की वोट शेयरिंग आठ फीसदी बढ़ गई है। पालघर में इस गठबंधन ने अपनी मौजूदगी दिखाई, जहां मुख्य मुकाबला बीजेपी, शिवसेना और बहुजन आधाड़ी दल के बीच था।