मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर जेल की बजाय हॉस्पिटल में फरमा रहा है आराम

0
267

मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस में प्रभावशाली मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर जिला जेल की बैरक के बजाए जेल के अंदर एक हॉस्पिटल वॉर्ड में आराम फरमा रहा है। यह कोई एक दो दिन की बात नहीं है, बल्कि यह सिलसिला पिछले 40 दिनों से चल रहा है। 27 जून को ब्रजेश को श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) से जेल में शिफ्ट किया गया था। बिहार पुलिस ने दो जून को ब्रजेश को गिरफ्तार किया था और जिला जेल के वॉर्ड में पहुंचने से पहले उसने एसकेएमसीएच में तकरीबन तीन हफ्ते बिता दिए।
Brajesh Thakur is the main accused of Muzaffarpur Shelter Home, pleading in hospital instead of jail
जेल अस्पताल के वॉर्ड-8 में ब्रजेश
मुजफ्फरपुर के जेल सुपरिंटेंडेंट राजीव कुमार झा ने हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स से इस बात की पुष्टि करते हुए कहा, ‘हमने उसे (ब्रजेश ठाकुर को) जेल के अंदर स्थित अस्पताल के वॉर्ड नंबर 8 में रखा है। एसकेएमसीएच के डॉक्टरों ने मुझे बताया था कि ब्रजेश स्लिप डिस्क और गंभीर डायबीटीज से पीड़ित है। साथ ही उसका ब्लड प्रेशर भी घटता-बढ़ता रहता है, जिससे हार्ट अटैक की संभावना है। लिहाजा उसे लगातार डॉक्टरों की निगरानी में रखने की जरूरत है। अगर बैरक में उसके साथ कुछ हो जाता है, तो आखिर कौन जिम्मेदार होगा?’

‘अगर मर गया तो साजिश कहेंगे’
जेल हॉस्पिटल के वॉर्ड में बेड और डॉक्टर मौजूद हैं, जिन्होंने एसकेएमसीएच के विशेषज्ञों की टीम से बात की है और वे यहां लगातार राउंड लगाते हैं। जेल अधीक्षक झा ने कहा, ‘अगर डॉक्टर कहते हैं कि उसे जेल अस्पताल में रखो, तो हम क्या कर सकते हैं? हो सकता है कि उसने कोई अपराध किया हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमें उसे उचित इलाज नहीं मुहैया कराना चाहिए। यह उसका अधिकार है। अगर वह मर जाता है, तो आप ही कहोगे कि किसी साजिश के तहत उसकी मौत हुई है।’

‘मेडिकल आधार पर बेल की दलील’
पटना के एक वरिष्ठ वकील ने ईटी को बताया कि मेडिकल ग्राउंड और जेल अस्पताल में लगातार रखे जाने के आधार पर ब्रजेश ठाकुर पटना हाई कोर्ट में अपनी जमानत के लिए दलील दे सकता है। इस मामले में बाकी सभी नौ आरोपी बैरक में रखे गए हैं। ठाकुर की बेल अर्जी को इससे पहले पॉक्सो कोर्ट ने खारिज कर दिया था। शेल्टर होम रेप केस में 31 मई को एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसे दो जून को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन पॉक्सो कोर्ट से पुलिस रिमांड हासिल करने में नाकाम रही थी, जिसके बाद ब्रजेश को उसी दिन न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।