कांच के टुकड़े पापड़ की तरह चबा-चबा कर खा जाता है बबलू

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बैतूल

एमपी अजब है और सबसे गजब है, इसे अजब गजब केवल प्रकृति ही नहीं बल्कि इस सूबे के ऐसे लोग बनाते हैं जो मानवीय क्षमताओं के आगे जाकर अजीबो-गरीब काम कर जाते हैं, ऐसा ही एक शख्स है बैतूल के घाट अमरावती गांव का युवक बबलू, जिसे सुबह के नाश्ते में कांच खाने की अजीब सी लत है. पिछले 15 साल से बबलू रोजाना एक बोतल तोड़कर उसके पूरे कांच के टुकड़े पापड़ की तरह चबा-चबा कर खा जाता है. वहीं जहरीले सांपों से खुद को कटवाना उसका शगल है. हैरत की बात ये है कि ऐसे जोखिमों से उसे आज तक कुछ भी नहीं हुआ जिससे ना केवल आम लोग बल्कि डॉक्टर भी हैरान हैं.

नाश्ते में कांच के टुकड़े को खाने का है शौक
आम तौर पर लोग सुबह के नाश्ते में ब्रेड, अंडे, पराठे या फल खाना पसंद करते हैं लेकिन क्या नाश्ते में कोई कांच के टुकड़े भी खा सकता है, ये सुनकर अगर आपको हैरानी हो रही है तो हम आपको बता दे कि ऐसा सही में हो रहा है. दरअसल बैतूल के घाट अमरावती गांव का बबलू चावरे जो सुबह के नाश्ते में बड़े चाव से कांच के बड़े-बड़े टुकड़ों को चबा-चबा कर खाता है. रोजाना सुबह बबलू कहीं से भी एक कांच की बोतल का जुगाड़ कर लेता है और उसे तोड़कर पूरी बोतल के टुकड़ों को मजे से खाता है. बबलू को कांच खाते देखकर आंखों पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है और रोंगटे खड़े हो जाते हैं लेकिन पिछले 15 साल से बबलू के लिए ये रोजाना नाश्ते का मेन्यू है. बताते है कि जब तक वो कांच नहीं खा लेता तब तक उसका पेट नहीं भरता.

सांपों से खुद को कटवाने का भी है जानलेवा शौक
बबलू केवल कांच खाने तक बात सीमित नहीं है. ग्रामीण बताते हैं कि बबलू को जहरीले सांपों से खुद को कटवाने का भी जानलेवा शौक है. गांव मे सांप निकलने पर लोग बबलू को याद करते हैं और बबलू जहरीले सांपों को ऐसे पकड़ लेता है जैसे वो कोई बिल्ली या चूहा हो. लोग हैरान हैं कि कांच के टुकड़े और सांप का जहर बबलू के शरीर मे आखिर कहां चला जाता है. वहीं इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि बबलू की मानसिक और शरीरिक जांच होना बेहद जरूरी है, जिसके बाद ही उसके इस बर्ताव को लेकर कोई खुलासा हो सकेगा.