नई दिल्ली। दुनिया में इन दिनों एक रहस्यमयी फंगस कहर बरपा रहा है। इस जानलेवा फंगस का कोई ईलाज ही नहीं है। हैरानी की बात है कि इंसान के मरने के बाद भी यह नष्ट नहीं हो रहा है। यूएस और यूरोप के बाद अब यह खतरनाक बीमारी भारत, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रिका में भी फैल रही है।
इस खतरनाक फंगस का नाम है ‘कैंडिडा आॅरिस’। एक रिपोर्ट के मुताबिक इसकी चपेट में आने से कई लोगों की मौत हो चुकी है। यह उन लोगों को अपना शिकार बनाता है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है। ये पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। फंगस के कारण एक ब्रिटिश मेडिकल सेंटर को अपनी इन्टेन्सिव केयर यूनिट तक बंद कर देनी पड़ी थी।
पिछले साल मई में ‘कैंडिडा आॅरिस’ का पहला मरीज ब्रुकलिन में मिला था। यहां के माउंट सिनाई अस्पताल फॉर ऐब्डॉमिनल सर्जरी में एक बुजुर्ग व्यक्ति भर्ती हुआ था जिनके ब्लड टेस्ट में यह बात पता लगी थी कि वो एक रहस्यमयी फंगस से पीड़ित हैं। टेस्ट रिपोर्ट सामने आने के बाद डॉक्टरों ने मरीज को इन्टेन्सिव केयर यूनिट में शिफ्ट कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक कैंडिडा आॅरिस से पीड़ित करीब आधे मरीजों की 90 दिनों में मौत हो गई। हालांकि विशेषज्ञ इसका पता नहीं लगा सके हैं कि यह फंगस आया कहां से है और न ही इसका कोई ईलाज मिल पाया है। यूएस में कैंडिडा आॅरिस के करीब 587 मामले सामने आ चुके हैं। यह फंगस अस्पताल में मौजूद लोगों के हाथों और उपकरणों, खाद से उपजाई गई सब्जियों, सीमा के पार यात्रा कर रहे यात्रियों और अन्य चीजों के आयात-निर्यात व प्रभावित मरीज के जरिए घर और अस्पताल में आने-जाने से आसानी से सभी जगह फैल जाता है।