सीबीआई रिश्वत मामला: 9 फोन कॉल और वॉट्सऐप मेसेज के जरिए फंसे राकेश अस्थाना

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नई दिल्ली। सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर और नंबर-2 पद पर तैनात राकेश अस्थाना पर 3 करोड़ की रिश्वत के आरोप से सनसनी मच गई है। अस्थाना पर इस केस में एफआईआर भी दर्ज की गई है। सीबीआई ने एफआईआर से पहले 9 फोन कॉल रेकॉर्ड किए थे और जांच एजेंसी का दावा है कि बिचौलिए मनोज प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद हड़बड़ी में उसके भाई ने कई फोन किए।
CBI bribe case: Rakesh Asthana stranded through 9 phone calls and Whatsapp message
जांच एजेंसी का दावा है कि राकेश अस्थाना और बिचौलिए के बीच 9 फोन कॉल और वॉट्सऐप मेसेज से बातचीत हुई थी। मनोज प्रसाद की 16 अक्टूबर को गिरफ्तारी के बाद उसका भाई सोमेश प्रसाद परेशान हो गया और उसने अस्थाना से फोन के जरिए संपर्क की कोशिश की। जांच एजेंसी का दावा है कि गिरफ्तारी की खबर के कुछ ही मिनट बाद एक फोन कॉल सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर को किया गया। जांच टीम का दावा है कि सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने भी एक फोन कॉल सोमेश को कुछ ही देर में किया था।

जांच एजेंसी ने अस्थाना के खिलाफ बिजनसमैन सतीश सना के बयान के बाद केस दर्ज किया है। सना का कहना है कि बिचौलिए मनोज प्रसाद ने 5 करोड़ रिश्वत देने के लिए कहा था। प्रसाद ने वादा किया था कि पैसे देने के बाद बार-बार मिलनेवाले समन से पीछा छूट जाएगा और केस में क्लीन चिट भी मिल जाएगी।

हालांकि, कैबिनेट सचिव को दी जानकारी में 2 महीने पहले राकेश अस्थाना ने दावा किया था कि सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा ने सना से 2 करोड़ की रिश्वत ली है। मामले को रफा-दफा करने के लिए सीबीआई डायरेक्टर ने यह रकम रिश्वत के तौर पर ली। हालांकि, सना के बयान के बाद कोर्ट ने अस्थाना की ही ऊपर एफआईआर कराई है।

जांच एजेंसी ने रविवार को कहा, ‘बिजनसमैन सतीश सना ने मैजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में कहा है कि दिसंबर 2017 से अक्टूबर 2018 के बीच बिचौलिए के जरिए उसने रिश्वत दी। दुबई में रहनेवाले बिचौलिए ने दावा किया था कि पैसे अस्थाना को मिल जाएंगे तो उसे बार-बार समन का सामना नहीं करना पड़ेगा और क्लीनचिट मिल जाएगी।’ सना की दी जानकारी के आधार पर दुबई से लौटते वक्त प्रसाद को 16 अक्टूबर को पुलिस ने अरेस्ट किया था।