CBI ने बैंक फ्रॉड मामले में मोदी सरकार के पूर्व मंत्री से की पूछताछ

0
322

बैंक फ्रॉड से जुड़े एक मामले में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी)  सांसद वाईएस चौधरी से सीबीआई ने पूछताछ की है. वाईएस चौधरी साल 2014 से 2018 के बीच मोदी सरकार में राज्‍य मंत्री थे. हालांकि बीते साल टीडीपी ने केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद वाईएस चौधरी ने राज्‍य मंत्री के पद से इस्‍तीफा दे दिया था. यह पहली बार है जब केंद्र सरकार के मंत्री रहे किसी शख्‍स से बैंक फ्रॉड मामले में सीबीआई ने पूछताछ की है.

इससे पहले ईडी ने पिछले दिनों वाईएस चौधरी से जुड़ी कंपनी के हैदराबाद-दिल्ली समेत कई स्थानों पर छापेमारी की थी. इस छापेमारी के दौरान 315 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली गई थी. दरअसल, सीबीआई की तरफ से बेस्ट एंड क्रॉम्प्टन इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड (बीसीईपीएल) और उसके अधिकारियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था.

इस कंपनी और अधिकारियों पर 2010 से 2013 के दौरान कई बैंकों से धोखाधड़ी करने का आरोप था. इस वजह से बैंकों को करीब 364 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने भी मामला दर्ज किया था. यह कंपनी सुजाना ग्रुप ऑफ कंपनीज का हिस्सा है, जिसके प्रमोटरों में सांसद चौधरी भी शामिल हैं. ईडी के मुताबिक, इस स्‍कैम में मकसद को पूरा करने के लिए कई शेल (नकली) कंपनियां बनाई गईं और पैसे को इधर से उधर किया गया. इसके लिए फर्जी बिल भी बनाए गए.

नायडू के करीब हैं वाईएस चौधरी

टीडीपी सांसद वाईएस चौधरी आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के करीबियों में से माने जाते हैं. यही वजह है कि 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद चौधरी को केंद्र सरकार में राज्‍य मंत्री बनाया गया. वाईएस चौधरी करीब 4 साल विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय में राज्‍य मंत्री रहे. हालांकि टीडीपी के समर्थन वापस लेने के बाद उन्‍हें अपने पद से इस्‍तीफा देना पड़ा.