चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से ‘विक्रम’ लैंडर को सफलतापूर्वक अलग किया: इसरो

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बेंगलुरु

सरो ने चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से ‘विक्रम’ लैंडर को सफलतापूर्वक अलग किया। इसरो ने जानकारी दी है कि भारतीय समयानुसार सोमवार दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से अलग हुआ।

शनिवार को इसरो वैज्ञानिकों की उच्‍च स्‍तरीय बैठक के बाद यह फैसला लिया गया था। समीक्षा बैठक में शामिल एक अधिकारी ने कहा, ‘लैंडर और रोवर के अलग होने का समय सोमवार को दोपहर 1.30 बजे रखा गया है।’ एक अन्‍य वैज्ञानिक ने बताया कि चंद्रयान-2 के पांचवीं कक्षा में प्रवेश करने के बाद लैंडर और रोवर को अलग करने का फैसला लिया गया। कक्षा बदलने में इसे 52 सेकंड का वक्त लगा। इस कक्षा की चांद से न्यूनतम दूरी मात्र 109 किलोमीटर है।

बहुत तेज होगा लैंडर विक्रम का सेपरेशन
इसरो के चेयरमैन के. सिवन के मुताबिक 2 सितंबर को होने वाला लैंडर सेपरेशन काफी तेज होगा। यह उतनी ही गति से होगा, जितनी गति से कोई सैटलाइट लॉन्च वीइकल से अलग होता है। इसमें करीब एक सेकंड लगेगा। इंटिग्रेटेड स्पेसक्राफ्ट को अलग-अलग करने के लिए जरूरी कक्षा सोमवार को स्थिर करने के बाद इसरो कमांड देगा जो ऑनबोर्ड सिस्टम अपने आप एग्जिक्यूट करेगा। इस अलगाव की प्रक्रिया में उसी तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया है जिसका पायलट लड़ाकू विमान में खराबी आने के बाद अपनी जान बचाने के इजेक्‍ट होने के लिए करते हैं।