नई दिल्ली। हाफिज सईद के संगठन के खिलाफ एनआईए ने दाखिल की चार्जशीट, स्लीपर सेल बनाने का है आरोप
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पाकिस्तान स्थित फलाह-ए-इंसानियत (एफआईएफ) के खिलाफ नई चार्जशीट दाखिल की है। उसपर भारत में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की वजह से चार्जशीट दाखिल की गई है। एफआईएफ लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का फ्रंट आॅगेर्नाइजेशन है। इसपर दिल्ली और हरियाणा में स्लीपर सेल बनाने का आरोप है।
एफआईएफ के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट में एलईटी के संस्थापक हाफिज सईद का नाम भी शामिल है। अधिकारियों का कहना है कि इससे भारत का पक्ष मजबूत होगा और पाकिस्तान का झूठ बेनकाब होगा। इससे साबित हो जाएगा कि पड़ोसी देश अपनी सरजमीं का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए करता है।
Chargesheet filed against Hafiz Saeed’s organization
दिल्ली के 51 साल के मोहम्मद सलमान, नागपुर के 62 साल के मोहम्मद सलीम और पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद कामरान (फरार) का नाम चार्जशीट में शामिल है। शुक्रवार को जारी हुए बयान में एनआईए का कहना है कि जांच के बाद यह पाया गया कि एफआईएफ का मुखिया हाफिज और उसके साथी शाहिद महमूद ने 2012 में धार्मिक कार्यों जैसे कि मस्जिद निर्माण, मदरसे की शिक्षा, मुस्लिम लड़कियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता देने की आड़ में दिल्ली और हरियाणा में स्लीपर सेल और लॉजिस्टिक बेस बनाने का काम किया।
इस षड्यंत्र को अंजाम देने के लिए महमूद ने अपने करीबी मोहम्मद कामरान को लगाया जो दुबई स्थित पाकिस्तानी नागरिक है। एनआई का कहना है, कामरान ने दुबई में स्थित कुछ भारतीयों की पहचान की जिसमें से एक मोहम्मद सलमान है, जो नई दिल्ली का रहने वाला है। उसने धार्मिक कार्यों के नाम पर हवाला के जरिए बड़ी राशि को हस्तांतरित करना शुरू कर दिया।
इस कार्य के लिए उसने हरियाणा के पलवल में खुल्फा-ए-राशिदीन मस्जिद का निर्माण करवाया और मुस्लिम लड़कियों की शादी करवाई। मोहम्मद सलमान को दुबई के रहने वाले मोहम्मद कामरान से इन कार्यों के लिए बहुत बड़ी राशि मिली थी। इस मामले में आगे की जांच जारी है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 173 (8) के तहत जांच की जा रही है।