छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं होने के बाद भी भूपेश बघेल दौड़ में सबसे आगे

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नाम का आधिकारिक एलान भले ही न हुआ हो, सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस ने जुझारू योद्धा की छवि वाले नेता पर दांव खेलने की तैयारी कर ली है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल का नाम दावेदारों की सूची में सबसे ऊपर आ गया है।
भूपेश को जमीनी लड़ाई लड़कर पार्टी में जान फूंकने का श्रेय दिया जा रहा है। यह हकीकत भी है कि उन्होंने न सिर्फ लड़ाइयां लड़ीं बल्कि तमाम विरोधों और सरकारी दमन के बावजूद सख्ती से मोर्चे पर डटे रहे। पार्टी संगठन को एकजुट किया और प्रदेश में कांग्रेस की वापसी की राह आसान की।
Chhattisgarh: Even after the announcement of the name of the Chief Minister Bhupesh Baghel is at the forefront of the race
भूपेश की तेज तर्रार छवि ऐसी है कि कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाले पदाधिकारियों तक को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने में एक मिनट भी नहीं लगा। ऐन चुनाव के वक्त भी बागियों को भी निपटाया। भाजपा सरकार में कई अधिकारी उन पर व्यक्तिगत हमले भी करते रहे और वह जूझते रहे। यही कारण है कि कांग्रेस भूपेश के भीतर अनुभव और तेवर दोनों देख रही है।

भूपेश का नाम बंद लिफाफे में सील है, लिफाफा शनिवार को विधायक दल की बैठक में खुलेगा लेकिन पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी आलाकमान भूपेश में ऐसा नेतृत्व देख रहा है जो 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को नेतृत्व देने के साथ ही विरोधियों का कड़ा मुकाबला भी कर सके।

पांच बड़े आंदोलन जिसने पार्टी में फूंकी जान
भूपेश के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद पांच बड़े आंदोलन हुए जिसने कार्यकतार्ओं का आत्मविश्वास लौटाया और पार्टी को एकजुट किया। सरकार ने धान खरीद की सीमा 10 क्विंटल की तो भूपेश ने धान बेचने का बहिष्कार करा दिया। सरकार को सीमा बढ़ाकर 15 क्विंटल करनी पड़ी।

सरकार ने सामुदायिक वनाधिकार पट्टों को निरस्त करने के लिए ग्रामसभा रखी तो भूपेश विरोध में खड़े हो गए और सरकार को कदम पीछे खींचना पड़ा। आदिवासियों की जमीन का कानून बदला तो भूपेश ने बड़ा आंदोलन खड़ा किया और सरकार को भू राजस्व संहिता संशोधन का कानून वापस लेना पड़ा।

सरकार ने ग्राम सभाओं के बजट से मोबाइल टॉवर लगाने का एलान किया था उसे भी वापस लेना पड़ा। राशन कार्डों के निरस्तीकरण पर भी भूपेश के नेतृत्व में पार्टी ने बड़ा आंदोलन खड़ा किया। इन आंदोलनों से भूपेश बघेल की छवि पार्टी के ऐसे नेता के रूप में बनी जो लड़ाई से पीछे नहीं हटता।