चौक बाजार और रमजान वाला सन्डे

0
1567

नाजिया नईम

आप भोपाल आएँगे या आए हों तो पाएंगे कि एक शाइनिंग इंडिया की तर्ज पर चमकता दमकता पॉश भोपाल है जहाँ श्रेष्ठि वर्ग के महल किले खड़े हैं। सौंदर्यीकरण पर बेतहाशा खर्च, वाकई न्यूयॉर्क के टक्कर की सड़कें, पार्किंग की बढ़िया व्यवस्था से लेकर व्यवस्थित शॉपिंग के लिये ‘नो पार्किंग जोन’ तक सब चौचक एकदम।
Chowk bazar and ramjan sun
एक है पुराना असली भोपाल। गलियों, चौबारों वाला। इसे देखकर लगता है इसके हाल पर छोड़ दिया गया है। पर भोपाल की रौनक और जिंदादिली इसी के दम से है। यहाँ के भोपाली सुस्ताए हुए से रहते हैं, जो मिल गया खुश न मिला तो भी खुश, कोई शिकवे शिकायत भी नहीं। इसीलिये इधर सरकार भी ज्यादा कान ध्यान नहीं धरती। कंजेस्टेड गलियां, बेहद बेतुका ट्रैफिक और उससे भी हॉरिबल ट्रैफिक सेन्स इसकी पहचान है। यहाँ ड्राइविंग और पैदल चलना दोनों अपने रिस्क पर, अपनी किस्मत पर और अगले बन्दे की मेहरबानी पर टिका है।

खैर बात चौक बाजार, इब्राहीमपुरा, नदीम रोड की। इतवार को छुट्टी होती है पर रमजान के इतवार, खासकर आखिरी अशरे को इन बाजारों में शॉपिंग नहीं गदर होता है गदर। हर दुकान सड़क पर आ जाती है। दुकान के बाहर टेबल सजी होती हैं ‘सेल’ की। डिजाइनर फुटवेयर 100-100 रु में, फुल साइज कुर्ते पाजामे, टीशर्ट शर्ट्स 150 रु में, कुर्तियां 100 से 300 में, अनारकली ड्रेस फ्रॉक्स 400 में दुपट्टे सहित, सोफा कवर, बेडशीट, जूलरी, क्रॉकरी, घड़ियां, चूड़ियां, स्कार्फ, स्टॉल, पर्स, कॉस्मेटिक्स, हर चीज की सेल।

ब्रांडेड कम्पनियां भी अपनी लो रेंज वाली चीजों को डिसप्ले में लगाकर मैदान में कूद पड़ती हैं। दादा से लेकर पोते तक के साइज का हर सामान मिलेगा। अगर आपको महंगे आइटम्स खरीदना है तो सन्डे छोड़कर आइये। दुकानों का सारा स्टॉक क्लियरेंस साल भर का, इन्हीं 3-4 इतवारों में हो जाता है। बहुत कम रेट्स में बहुत सारी शॉपिंग का ऐसा मौका फिर साल भर नहीं आता।

पर जरा रुकिये। अगर कोई हार्ट पेशेंट है, अस्थमा का मरीज है, उसके प्रेस्क्रिप्शन में लिख देना चाहिये सन्डे शॉपिंग का परहेज। जिनके शरीर में जान(दम) न हो, वे भी अवॉयड करें। अगर आप में भीड़ को चीरते हुए, धक्का मुक्की कर जगह बनाने की, पसन्द की चीज को दूसरे ग्राहक से खींच झपट लेने की अद्भुत प्रतिभा और भीड़ में दबने पर आॅक्सीजन की कमी में सर्वाइव करने की क्षमता हो तो ही ये स्टंट परफॉर्म करें वरना विशेषज्ञों की देखरेख में बैकअप टीम तैयार रखें नहीं तो अधमरी हालत में हाल बेहाल होते हुए ही वापिस आएंगे……।
खैर जो भी हो, भोपाल की रौनक माशाल्लाह, चश्मे बद्दूर…..???