विधानसभा में बोले सीएम नाथ, व्यापमं को बंद करने किसी प्रस्ताव पर नहीं हो रहा विचार

0
430

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा में लिखित जवाब में कहा है कि राज्य सरकार फिलहाल व्यापमं (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) बंद करने के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में व्यापमं को बंद कर नई व्यवस्था बनाने का वादा किया था। कांग्रेस विधायक हर्ष विजय गेहलोत ने सवाल पूछा था कि क्या राज्य सरकार व्यापमं को बंद करेगी। इस पर कमलनाथ ने जवाब दिया कि फिलहाल वर्तमान में सामान्य प्रशासन विभाग में ऐसे कोई प्रस्ताव पर विचार नहीं हो रहा है।
CM Nath speaks in assembly, no proposal on closure of any proposal
बेरोजगारों के साथ छलावा नहीं
हर्ष गेहलोत ने यह भी पूछा था कि व्यापमं द्वारा फीस वसूलना क्या गैरकानूनी नहीं है और बेरोजगारों के साथ छलावा नहीं है। इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापमं को परीक्षा शुल्क निर्धारित करने का अधिकार है, इसलिए यह कहना सही नहीं है कि बेरोजगारों के साथ किसी प्रकार का छलावा किया गया है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने वचन पत्र में यह भी वादा किया था कि 2008 से 2018 तक विभिन्न् प्रतियोगी परीक्षाओं में जिन लोगों का चयन नहीं हुआ, उनका परीक्षा शुल्क वापस लौटाया जाएगा। पिछले कुछ सालों में पीईबी ने परीक्षा शुल्क के रूप में करीब 350 करोड़ रुपए की राशि वसूली है।

कमलनाथ ने विपक्ष में रहते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से यह पैसा बेरोजगारों को वापस करने की भी मांग की थी। मंदसौर गोलीकांड पर मचे सियासी बवाल के बीच बुधवार को हर्ष गेहलोत ने मंदसौर गोलीकांड मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया था। चर्चा के लिए उनका नाम पुकारा गया, लेकिन वे सदन में मौजूद नहीं थे।

इंवेस्टर समिट से 290 उद्योग शुरू हुए
शिवराज सरकार में हुई ग्लोबल इंवेस्टर समिट को कांग्रेस हमेशा से अनुपयोगी बताती आई है। विधायक संजय शुक्ला के सवाल पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बताया कि 2004 से 2018 के बीच हुई इंवेस्टर समिट में हुए समझौते के बाद 441 बड़े उद्योगों को जमीन उपलब्ध कराई गई थी। इसमें से 290 उद्योग शुरू हुए। जिनसे 1 लाख 15 हजार 671 लोगों को रोजगार मिला। इसमें से 9 उद्योग बंद हैं। कमलनाथ ने यह भी बताया कि कोई भी अशासकीय जमीन उद्योगों को आवंटित नहीं की गई।

मंत्रियों के बाद कमलनाथ ने भी लिया यू-टर्न : भाजपा
भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए कमलनाथ किसानों की जमीन उद्योगों को देने का आरोप लगाते रहे हैं। अब उन्होंने खुद ही स्वीकार किया है कि जमीन किसानों को नहीं दी गई। व्यापमं मामले में भी उन्होंने यू-टर्न लिया है। मंत्रियों और अधिकारियों को सही काम करने के बावजूद डपटने वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने यू-टर्न पर क्या कहेंगे?