श्योपुर। विजयपुर अंचल के झार बड़ौदा गांव में पिछले एक सप्ताह के दौरान तेज बुखार से 4 बच्चियों की मौत हुई है, जिनमें एक कुपोषित बच्ची भी शामिल है। बच्चियों की इस तरह मौत को प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने प्रशासनिक असंवेदनशीलता का परिणाम बताया है।
Congress alleged: 4 children died in Shiyopur, result of administrative insensitivity
प्रभावित गांव के दौरे पर पहुंचे रावत ने कहा कि यदि प्रशासन संवेदनशील होता तो बीमारियों से हुई मौतों को रोका जा सकता था। जिन बच्चों की प्रशासनिक लापरवाही से बीमारियों के चलते मौत हुई है, उनके परिजनों को तुरंत उचित मुआवजा राशि प्रदान करनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
रावत ने यह भी आरोप लगाया कि गांव में बीमारी से पीड़ित लोगों को इलाज के लिए एक भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं है, जबकि यहां एक दिन पहले पहुंचे कमिश्नर-कलेक्टर ने सात दिवस तक स्वास्थ्य कैंप लगाने की बात कही है। इस कैंप में एएनएम और सुपरवाइजर ही मिले हैं। डॉक्टरों का मौके पर नहीं मिलना प्रशासन के दावों की पोल खोलता है।
‘कुपोषण से जंग’ अभियान की राशि भी नहीं मिल रही
इसके साथ ही रामनिवास रावत ने शासन-प्रशासन पर ये आरोप भी लगाया कि सहरिया परिवार की महिलाओं को हर महीने ‘कुपोषण से जंग’ अभियान के तहत मिलने वाली एक हजार रुपये की राशि भी नहीं मिल पा रही है। गांव में 38 महिलाओं को इस योजना में लाभ देने के लिए चिन्हित किया गया है, लेकिन दिसंबर से अब तक सिर्फ 10 महिलाओं को ही योजना का लाभ दिया गया है, वो भी मात्र दो माह की राशि ही महिलाओं को मिली