शिवसेना की इच्छाओं को कांग्रेस और एनसीपी दे रहे हवा

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मुंबई

हरियाणा में भले ही बीजेपी ने जेजेपी का समर्थन हासिल कर सत्ता की चाभी अपने हाथों में सुरक्षित कर ली हो पर महाराष्ट्र में बन रहे सियासी समीकरण उसके लिए टेंशन पैदा करने वाले हैं। दरअसल, 2014 की तुलना में बीजेपी की सीटें घटी हैं तो उसकी सहयोगी शिवसेना को भी न सिर्फ मनमाफिक सौदेबाजी करने का मौका मिल गया है बल्कि वह बीजेपी से अलग भी कुछ बड़ा सोचने की स्थिति में आ गई है। जी हां, पिछले 48 घंटों के घटनाक्रम इसी ओर इशारा कर रहे हैं। पहले कांग्रेस के दिग्गज पृथ्वीराज चव्हाण का ऑफर, शिवसेना का बीजेपी को 50-50 के वादे की याद दिलाना, सामना में बीजेपी पर निशाना और फिर संजय राउत के कार्टून ने महाराष्ट्र की सरकार को लेकर कौतुहल पैदा कर दिया है।

CM पद के मोह में शिवसेना, सौदेबाजी के मूड में
दरअसल, बीजेपी की सहयोगी शिवसेना मुख्यमंत्री पद का मोह छोड़ नहीं पा रही है। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद एक तरफ कांग्रेस गैर-बीजेपी सरकार बनाने की संभावनाओं पर काम कर रही है तो वहीं शिवसेना से संकेत मिल रहे हैं कि वह मनचाहा पद न मिलने पर अलग राह चुन सकती है। वैसे भी, चुनाव प्रचार के समय से ही शिवसेना कहती रही है कि एक दिन कोई शिवसैनिक CM की कुर्सी पर होगा। उधर, वर्ली से जीते शिवसेना के आदित्य ठाकरे को उनकी पार्टी के लोग भावी सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट भी करने लगे हैं। प्रचार के समय खबरें थीं कि उन्हें डेप्युटी सीएम का पद ऑफर किया जा सकता है। हालांकि बीजेपी कह रही है कि सीएम पद को लेकर कोई मतभेद नहीं है।

चव्हाण के बयान से उपजीं नई संभावनाएं
इधर, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) दोनों शिवसेना के साथ समीकरण को हवा दे रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने नतीजे आने के बाद ही कहा था कि बहुत सारी रोचक संभावनाएं हैं। चव्हाण ने गुरुवार को दिलचस्प संभावना का जिक्र करते हुए कहा था कि शिवसेना, NCP और कांग्रेस गठजोड़ कर बीजेपी के मंसूबों पर पानी फेर देंगी।

संजय राउत के पोस्ट के सियासी मायने
इस बीच, ट्विटर पर शिवसेना सांसद संजय राउत के एक पोस्ट ने सियासी सरगर्मी और तेज कर दी। 2014 की तुलना में बीजेपी की सीटों की संख्या कम आने पर राउत ने तंज कसते हुए एक कार्टून पोस्ट किया। इसमें एक बाघ (शिवसेना का पार्टी चिह्न) घड़ी वाला एक लॉकेट (NCP का चिह्न) अपने गले में पहने हुए है और ‘पंजे’ में कमल का फूल (बीजेपी का चिह्न) लेकर सूंघ रहा है। राउत ने तस्वीर के साथ लिखा, ‘कमाल की व्यंग्य चित्रकारी! बुरा ना मानो दिवाली है।’

दरअसल, बीजेपी अपने बूते सरकार बनाने के लिए जरूरी सीटों से पीछे रह गई है, ऐसे में उद्धव ठाकरे ने कड़ी सौदेबाजी करने की कोशिश करते हुए कहा है कि सत्ता साझेदारी के लिए ‘50:50 फॉर्म्युले’ को लागू करने का वक्त आ गया है। उन्होंने चुनाव नतीजे आने के बाद कहा, ‘यह वक्त बीजेपी को उस फॉर्म्युले की याद दिलाने का है जब बीजेपी प्रमुख अमित शाह मेरे घर आए थे… हमने गठबंधन के लिए 50:50 फॉर्म्युले पर फैसला किया था।’

शिवसेना सूत्रों ने बताया है कि ठाकरे आज मुंबई में पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करेंगे और वह इसमें राज्य में अगली सरकार के गठन के मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं।