भाजपा के मिशन लोटस में शामिल पांच पूर्व विधायकों पर कांग्रेस की नजर

0
163

                                                                                            TIO भोपाल

मध्य प्रदेश में कमल नाथ सरकार गिराने के लिए कांग्रेस के पांच पूर्व विधायक ऐसे थे जो भाजपा के मिशन लोटस 1 और 2 में शामिल रहे। मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच इन पांच पूर्व विधायकों को लेकर असमंजस की स्थिति बनने से कांग्रेस को उम्मीद जागी है कि इनमें से कुछ पूर्व विधायक पार्टी में वापसी कर सकते हैं।

भाजपा के इन दोनों मिशन में शामिल कांग्रेस नेताओं में से तीन ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक हैं और इनकी भाजपा में जाने की शर्तें सिंधिया के साथ गए विधायकों जैसी नहीं मानी जा रही हैं। कमल नाथ सरकार पर मार्च में भाजपा के मिशन लोटस 1 और 2 से संकट आया था। पहले मिशन में कांग्रेस के पांच नेता बिसाहूलाल सिंह, हरदीप डंग, रघुवीर जाटव, कमलेश जाटव और रघुराज सिंह कंषाना सहित बसपा-सपा के तीनों विधायक व निर्दलीय विधायकों को भाजपा ने टारगेट किया था। इनमें शामिल कांग्रेस विधायकों में से रघुवीर जाटव, कमलेश जाटव और रघुराज सिंह सिंधिया समर्थक माने जाते हैं, लेकिन कहा जाता है कि इनके मिशन लोटस 1 में जाने की सूचना सिंधिया को तब लगी, जब तत्कालीन कमल नाथ सरकार के मंत्रियों ने भाजपा के मिशन को नाकाम कर दिया।

 

मिशन एक के वादे टूटे

इस मिशन के नाकाम होने के बाद निर्दलीय विधायक व कमल नाथ सरकार के मंत्री प्रदीप जायसवाल का भी बयान आया था कि वे तो कमल नाथ के साथ थे और जो सरकार रहेगी, उसके साथ रहेंगे। इसी तरह रामबाई, सुरेंद्र सिंह शेरा भी मिशन का हिस्सा थे, जिनमें से शेरा तो दिल्ली के बाद पांच दिन बेंगलुरु में भी रहे। मिशन एक की राजदार बसपा से निलंबित विधायक राम बाई भी थीं, जिन्होंने हाल ही में मंत्रिमंडल विस्तार में राजफाश भी किया कि उनसे मंत्री बनाने का वादा किया गया था।

 

सिंधिया समर्थक होने के बाद भी मंत्री पद से दूर होंगे

बताया जा रहा है कि मिशन एक में शामिल कांग्रेस के पांच पूर्व विधायकों में से रणवीर, कमलेश व रघुराज सिंह के साथ भाजपा उनके सिंधिया समर्थक होने के बाद भी अन्य 17 पूर्व विधायकों जैसा व्यवहार करेगी। इन्हें मंत्री पद मिलने की संभावना क्षीण हैं।

बिसाहूलाल सिंह और हरदीप सिंह डंग की स्थितियां अलग हैं, जिन्हें सिंधिया समर्थक नहीं होने के बाद भी विशेष महत्व दिया जा सकता है। इधर, कांग्रेस शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर नजर रखे हुए है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इसके बाद भाजपा को न केवल आंतरिक असंतोष का सामना करना पड़ेगा, बल्कि जिनके सहारे कांग्रेस सरकार को गिराया है, वे भी नाराज होंगे। सूत्र बताते हैं कि इसके बाद असंतुष्ट नेताओं की कांग्रेस में वापसी के प्रयास हो सकते हैं।