TIO, भोपाल
कर्नाटक में कांग्रेस और जद (एस) गठबंधन की सरकार गिरने के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के भविष्य को लेकर उठ रहे सवालों को हवा मिल रही है। राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विपक्ष को चुनौती दी है कि वह जब चाहे सदन में बहुमत का परीक्षण करा ले। दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने दावा किया कि ऊपर से नंबर एक और दो का आदेश हुआ तो एक दिन भी नहीं चलेगी सरकार। राज्य विधानसभा का माहौल बुधवार को काफी गर्माहट लिए रहा, क्योंकि एक दिन पहले ही कर्नाटक में भाजपा ने सरकार गिराने में सफलता पाई है। अब मध्य प्रदेश की सरकार को गिराने की चर्चाएं जोरों पर है। इसी बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बहुमत सरकार के पास होने का दावा किया तो भाजपा ने ऊपर के आदेश का जिक्र किया।
विधानसभा में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ध्यानाकर्षण पर चर्चा के दौरान बुधवार को विपक्ष को बहुमत परीक्षण की चुनौती देते हुए कहा, “विपक्ष चाहे तो कभी भी बहुमत का परीक्षण कर ले, हम आज ही इसके लिए तैयार हैं, यहां कोई विधायक बिकाऊ नहीं है। कांग्रेस की सरकार पूरे पांच साल चलेगी और दम के साथ चलेगी। विकास का एक ऐसा नक्शा बनेगा जो हर वर्ग के लिए खुशहाली लाने वाला होगा।”
कमलनाथ जब अपनी बात कह रहे थे तभी बीच में नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने कहा, “उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसे कार्यो पर विश्वास नहीं है, लेकिन ऊपर से नंबर एक और दो का आदेश हुआ तो राज्य में एक दिन भी नहीं लगेगा।”
कांग्रेस के विधायकों ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए सदन में हंगामा किया। वहीं बसपा की विधायक राम बाई ने साफ तौर पर कांग्रेस सरकार का समर्थन करते हुए कहा, “कमलनाथ की सरकार अडिग है।”
गौरतलब है कि पूर्व में भी भाजपा के कई नेता राज्य सरकार को गिराने में ज्यादा समय न लगने का दावा कर चुके हैं। इन बयानों के बीच कमलनाथ ने हर बार यही कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार को कोई खतरा नहीं है और वह पूरे पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
राज्य में कांग्रेस को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं प्राप्त है। राज्य की 230 विधायकों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 114 और भाजपा के 108 विधायक हैं। वर्तमान सरकार को निर्दलीय, बसपा व सपा विधायकों का समर्थन हासिल है।