सहकारिता मंत्री ने शिवराज पर बोला हमला, कहा- पूर्व सीएम के सदस्यों ने गैर कानूनी तरीके से हासिल किए सोसायटी के प्लाट

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भोपाल। भाजपा के नेता, मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के परिवारजनों ने हाउसिंग सोसायटी में प्लॉट गैर कानूनी तरीके से हासिल किए। विधानसभा में भी रोहित गृह निर्माण सोसायटी का मामला कई दफे उठ चुका है। इसकी जांच कराने का भरोसा भी शिवराज सरकार ने दिलाया था लेकिन कुछ नहीं हुआ।कांग्रेस सरकार अब इसकी फाइल खोलेगी। जिसने अवैध तरीके से प्लॉट दिए और जिसने लिए, दोनों के खिलाफ जांच होगी।
Cooperative minister talked about Shivraj attack, said – Former CM’s members got illegal property plots
यह बात शुक्रवार को सहकारिता मंत्री डॉ.गोविंद सिंह ने सामान्य प्रशासन विभाग का पदभार ग्रहण करने के दौरान कही। उन्होंने भाजपा नेताओं पर सहकारी संस्थाओं को चारागाह बनाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचारियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। सख्त कार्रवाई होगी। डॉ. सिंह ने मीसाबंदी कानून से जुड़ी फाइल भी अधिकारियों से बुलवा ली।

डॉ.सिंह ने कहा कि भोपाल सहित प्रदेश के बड़े शहरों की सहकारी गृह निर्माण समितियों में बड़े स्तर पर भूखंडों का खेल हुआ था। इसको लेकर विधानसभा में लगातार आवाज भी उठाई जाती रही। सरकार ने इसको लेकर जांच की बात भी विधानसभा में कही थी लेकिन कुछ नहीं हुआ। भूखंड की बंदरबांट हुई है। अपात्रों ने भूखंड ले लिए और पात्र चक्कर ही लगाते रह गए। इसमें भाजपा नेता, मंत्री और शिवराज के परिवारजन भी शामिल हैं।

हाउसिंग सोसायटी से जुड़े मामलों की जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सहकारी बैंक और प्राथमिक सहकारी समितियों के खास्ता वित्तीय हालात पर उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय सहकारी आंदोलन चरमरा गया है। कई संस्थाएं मृत स्थिति में पहुंच गई हैं। राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक बंद हो गया और उपभोक्ता भंडार समितियां बुरे दौर से गुजर रही हैं।

प्राथमिक सहकारी समितियों के पास पूंजी नहीं बची है। कई संस्थाओं के ऊपर बैंकों का काफी कर्ज चढ़ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अपने चेहतों को पद पर बैठाने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने कानून में संशोधन किए। चुनाव के वक्त अपने-अपने लोगों को समितियों में चारागाह समझकर बैठा दिया।

डॉ.सिंह ने कहा कि मीसाबंदी एक्ट ही गलत है। इसे विधानसभा से पारित ही नहीं होना था। जिन लोगों ने कानून को तोड़ा, उसे सरकार पेंशन दे रही है। कई समाजवादी नेता आंदोलन में शामिल थे लेकिन कोई लाभ नहीं लिया। हम सभी जनता की सेवा करने आए हैं न कि लाभ के लिए। पेंशन बंद होना चाहिए और यह होगी।

लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने शुक्रवार को मंत्रालय में विभाग का कार्यभार ग्रहण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ई-टेंडर घोटाले की जांच होगी। अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिए कि ई-टेंडरिंग से जुड़े हुए आंकड़े एकत्र करके प्रस्तुत किए जाएं। बदले की भावना से काम नहीं होगा। शिवराज सरकार के अंतिम समय में बहुत सारे कामों के ठेके हुए थे यदि ये जन उपयोगी हैं तो जारी रखे जाएंगे। सिर्फ वे काम ही निरस्त होंगे, जो गलत होंगे।