यूपी-बिहार के युवाओं पर दिए बयान पर घिरे कमलनाथ, भाजपा और अखिलेश ने की आलोचना

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भोपाल। सत्ता संभालते ही यूपी-बिहार के युवाओं पर दिए गए बयान पर मुख्यमंत्री कमलनाथ घिर गए हैं। भाजपा ने भी इस बयान पर कमलनाथ को घेरने की कोशिश की है, वहीं सोशल मीडिया पर भी कमलनाथ की लगातार आलोचना हो रही है।
Criticism of Kamal Nath, BJP and Akhilesh, surrounded by statements on the youth of UP-Bihar
यह कहा था कमलनाथ ने
मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद उद्योगों में स्थानीय लोगों को 70 प्रतिशत रोजगार देने पर ही प्रोत्साहन राशि देने के फैसले की जानकारी देते हुए कमलनाथ ने मीडिया से कहा था कि मप्र के युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार देना जरूरी है। मप्र में निवेश योजनाओं का लाभ तभी दिया जाएगा, जब 70 प्रतिशत रोजगार मप्र के युवाओं को मिले। बहुत सारे ऐसे उद्योग आ जाते हैं, जिसमें अन्य प्रदेशों, यूपी-बिहार के नौजवान प्रदेश में आकर नौकरी करने लगते हैं। मैं उनकी आलोचना नहीं करना चाहता, लेकिन मप्र के युवा नौकरी से वंचित हो जाते हैं।

भाजपा ने कमलनाथ को बताया बाहरी
भाजपा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को ही अब बाहरी बताया है। भाजपा का कहना है कि कमलनाथ उप्र में जन्में और कोलकाता होते हुए मप्र आए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कमलनाथ विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं और एक क्षेत्र को दूसरे से लड़ा रहे हैं। जबकि वह खुद बाहरी पृष्ठभूमि के हैं। वह कानपुर में जन्मे हैं। शिक्षा पश्चिम बंगाल में पाई। उनका कारोबार पूरे देश में फैला हुआ है और अब वे मप्र के सीएम भी हैं।

रोजगार का नियम पहले से: तोमर
विवादित बयान को लेकर कमलनाथ की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- ‘उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार की प्राथमिकता का नियम पहले से है। कमलनाथ केंद्रीय मंत्री रहे हैं, उन्हें यह नियम पता होना चाहिए। ऐसे दावे कर के वह लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। भाजपा नेता गिरीराज सिंह ने कहा कि उप्र-बिहार के लोग अपनी कड़ी मेहनत के दम पर राज्य के विकास में योगदान देते हैं। कमलनाथ के इस बयान पर राहुल गांधी को माफी मांगना चाहिए।

अखिलेश ने भी की आलोचना
मप्र में कांग्रेस को अपने एक विधायक का समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी के अध्यख अखिलेश यादव ने भी कमलनाथ की आलोचना की है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- ‘कमलनाथ ने जो कहा, वह बहुत गलत है। पहले उप्र-बिहार के लोगों को महाराष्ट्र में निशाना बनाया गया और अब वही मप्र में हो रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने भी इस बयान की आलोचना की है।