नई दिल्ली। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने बैंकों से तीन करोड़ रुपये से ज्यादा के सभी घोटालों की विस्तृत जानकारी देने को कहा है। इस जानकारी की मदद से सीवीसी इन्हें रोकने के लिए मजबूत तंत्र बनाने पर विचार करेगा। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी ने कहा, सभी तथ्य संबंधित बैंक और रिजर्व बैंक से जुड़े हैं। अगर हम जान पाएंगे कि किस तरह के घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है, तो उनके पीछे के कारणों का विश्लेषण करना संभव होगा।
विश्लेषण के बाद रोकथाम के कदम भी उठाए जा सकते हैं। इसीलिए हमने आंकड़े जुटाना शुरू कर दिया है। हमें कुछ आंकड़े मिले हैं। बाकी आंकड़े अभी आने हैं। हमने विश्लेषण किया है। मैंने 100 मामलों पर विचार किया है और यह जानने का प्रयास किया है कि उनमें किसी खास पैटर्न का प्रयोग हुआ है या नहीं?
इस दिशा में निवारक तंत्र के तौर पर आयोग ने संवेदनशील पदों पर बैठे बैंक अधिकारियों के नियमित तबादले पर जोर दिया है। उन्होंने कहा, अगर किसी व्यक्ति का एक से दूसरी जगह तबादला नहीं हो सकता है तो कम से उसी शहर में एक से दूसरी शाखा में उसका तबादला होना चाहिए। ऐसा भी ना हो पाए तो उसी शाखा में उसकी जिम्मेदारियों में बदलाव करते रहना चाहिए। चौधरी ने कहा कि घोटालों और अन्य अनियमितताओं पर रोक के लिए बैंक में हर तरह के काम की समयसीमा तय की जानी चाहिए। उन्होंने बैंकों के निगरानी तंत्र को मजबूत करने की जरूरत भी जताई। आयुक्त ने आॅडिट व्यवस्था को भी मजबूत करने की बात कही।
एनपीए कम करने को आइडीबीआइ ने बनाया रोडमैप
सार्वजनिक क्षेत्र के आइडीबीआइ बैंक ने अपनी वित्तीय सेहत में सुधार और फंसे कर्जो यानी एनपीए में कमी के लिए विस्तृत योजना तैयार की है। रिजर्व बैंक के ताजा दिशानिदेर्शों के बाद बैंक ने यह कदम उठाया है। सूत्रों के मुताबिक, पूंजी वृद्धि के लिए बैंक ने बेचे जाने योग्य कई नॉन-कोर एसेट और रियल एस्टेट प्रोपर्टी की पहचान भी की है। रियल एस्टेट संपत्ति के मामले में आइडीबीआइ सबसे अमीर बैंकों में से है। हाल ही में इसने इन संपत्तियों का बाजार मूल्य पर आकलन कर उसे अपने कोर कैपिटल में शामिल किया है। इससे बैंक को अपनी बैलेंस शीट सुधारने में मदद मिली है।
गीतांजलि जेम्स के खाते में 8,000 करोड़ का एनपीए
गीतांजलि जेम्स को दिया 8,000 करोड़ रुपये का लोन एनपीए हो गया है। 31 मार्च को समाप्त हुई तिमाही में यह लोग एनपीए की श्रेणी में आ गया। अब बैंकों को इसके लिए अलग से प्रावधान करना होगा। गीतांजलि जेम्स उन बड़े खातों में शामिल है, जिनका लोन 2017-18 के दौरान एनपीए हुआ है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम देने वाले नीरव मोदी का मामा मेहुल चोकसी गीतांजलि जेम्स का प्रवर्तक है। 2010-11 में इलाहाबाद बैंक की अगुआई में 21 बैंकों के कंसोर्टियम ने इसे लोन दिया था।