साइरस मिस्त्री को बड़ा झटका: टाटा संस के खिलाफ सभी मुकदमे खारिज

0
267

मुंबई। नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने टाटा संस के खिलाफ साइरस मिस्त्री परिवार की दो कंपनियों की ओर से दाखिल मुकदमा खारिज कर दिया है। एनसीएलटी ने कहा कि 100 अरब डॉलर के इस ग्रुप में मिसमैनेजमेंट के आरोपों में कोई दम नहीं है। इस फैसले से टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए गए मिस्त्री को बड़ा झटका लगा है। मिस्त्री खेमे के अगले कदम की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि 18 महीनों से ज्यादा समय से चल रहे इस मामले में अपील की जाएगी।
Cyrus Mistry gets bigger blow: rejects all laws against Tata Sons
बी.एस.वी प्रकाश कुमार और वी नल्लासेनापति की बेंच ने कहा कि उसे इन आरोपों में कोई दम नहीं दिखा कि टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन टाटा और ट्रस्टी एन सूनावाला ने टाटा संस के बोर्ड में ‘सुपर डायरेक्टर’ की तरह काम किया। मिस्त्री ने ग्रुप के मामलों में टाटा और सूनावाला पर बेजा दखल का आरोप लगाया था। बेंच ने कहा कि टाटा संस के डायरेक्टर एक एग्जिक्यूटिव चेयरमैन को बर्खास्त करने का अधिकार रखते हैं।

बेंच ने कहा कि मिस्त्री का बर्ताव बोर्ड के लिए अच्छा नहीं था क्योंकि वह खुलकर इसके विरोध में उतर आए थे। बेंच ने बोर्ड में समानुपातिक प्रतिनिधित्व की मांग खारिज कर दी और कहा कि वह टाटा संस को खुद को एक प्राइवेट कंपनी में बदलने से नहीं रोक सकती। एलसीएलटी ने कहा कि उसे एयरसेल के प्रमोटर सी शिवशंकरन और एयरएशिया इंडिया के खिलाफ आरोपों में कोई दम नहीं दिखा। मिस्त्री फैमिली के शापूरजी पालोनजी ग्रुप के पास टाटा संस में 18.4 पर्सेंट स्टेक है।

रतन टाटा ने इस घटनाक्रम का स्वागत किया। मिस्त्री को बाहर किए जाने का हवाला देते हुए उन्होंने ईमेल से दिए गए एक स्टेटमेंट में कहा, ‘एलसीएलटी ने आज सुबह जो जजमेंट दिया है, वह टाटा संस के अक्टूबर 2016 में उठाए गए कदम को सही ठहराता है।’ मिस्त्री फैमिली की दो कंपनियों सायरस इनवेस्टमेंट्स और स्टर्लिंग इनवेस्टमेंट ने मुकदमा किया था और टाटा संस में मिसमैनेजमेंट और माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स के हितों के उल्लंघन का आरोप लगाया था। कानूनी जंग शुरू होने के बाद 24 अक्टूबर 2016 को मिस्त्री को बर्खास्त कर दिया गया था। वह चार वर्षों तक टाटा संस के चेयरमैन रहे।