एक और कोरोना वॉरियर की मौत: उज्जैन में 59 साल के टीआई यशवंत पाल की जान गई, ड्यूटी के दौरान ही संक्रमित हुए थे

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TIO इंदौर/उज्जैन

 उज्जैन के नीलगंगा थाना टीआई यशवंत पाल (59) की कोरोना से इंदौर में इलाज के दौरान मौत हो गई है। 27 मार्च को उनके थाना क्षेत्र की अंबर कॉलोनी में कोरोना पॉजिटिव संतोष वर्मा की मौत हुई थी। इसके बाद इस कंटेनमेंट एरिया की व्यवस्था टीआई खुद देख रहे थे। यहीं पर वे संक्रमित हुए और उनकी हालत बिगड़ती चली गई। लंबे इलाज के बाद इंदौर के अरविंदो अस्पताल में मंगलवार सुबह साढ़े पांच बजे उनकी मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि पाल एक महीने से उन्हें सर्दी और बुखार बना हुआ था। मूलत: बुरहानपुर के रहने वाले पाल के परिवार में पत्नी और दाे बेटियां हैं। पत्नी मीना पाल तहसीलदार हैं। पाल का परिवार इंदौर के ही विजय नगर क्षेत्र में रहता है। उनके संपर्क में आए 12 पुलिसकर्मियों को आइसोलेट कर दिया गया है। दो दिन पहले इंदौर के थाना प्रभारी देवेंद्र चंद्रवंशी की भी कोरोना से जान चली गई थी।

अब तक परिवार की जांच रिपोर्ट नहीं आई

एडिशनल एसपी उज्जैन रूपेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि पाल हमारे बीच नहीं रहे। वहीं, अरविंदो हॉस्पिटल के डॉ. विनोद भंडारी ने कहा कि टीआई पाल का पिछले 10 दिनों से यहां इलाज चल रहा था। जब से उन्हें यहां लाया गया था। उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। टीआई पॉल के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनकी पत्नी मीना और दोनों बेटियां फाल्गुनी और ईशा को एक होटल में क्वॉरैंटाइन किया गया है। करीब 15 दिन से वे क्वारैंटाइन हैं, लेकिन अब तक उनकी जांच रिपोर्ट नहीं आई है।

टीआई इतने लोगों के संपर्क में रहे, परिवार भी आकर मिला

  • टीआई के साथ गाड़ी में ड्राइवर समेत चार पुलिसकर्मी साथ रहते थे।
  • 27 मार्च को अंबर कॉलोनी में संतोष वर्मा की कोरोना से मौत के बाद अगले दिन पूरे एरिया को सील कराया।
  • थाने के पीछे ही मल्टी में घर है, जहां दस से बारह परिवार रहते हैं।
  • परिवार इंदौर में रहता, टीआई मिलने नहीं गए, लेकिन परिवार मिलने आया।
  • 31 मार्च को नीलगंगा क्षेत्र में युवक की हत्या के बाद घटनास्थल की जांच की।

इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा में रहकर कोचिंग करने वाले मध्यप्रदेश के करीब 3000 छात्रों को वहां से वापस लाने के लिए 150 बसें रवाना हो गई हैं। ग्वालियर से सुबह आठ बजे निकलीं इन बसों के साथ नगर निगम के अपर आयुक्त दिनेश शुक्ल और मेडिकल स्टाफ को जरूरी दवाओं के साथ भेजा गया है। प्रदेश इन छात्रों की मंगलवार देर रात तक वापसी की उम्मीद है। मध्यप्रदेश में प्रवेश से पहले नीमच और आगर मालवा में सभी की स्क्रीनिंग की जाएगी।

पहले इंदौर से बस भेजी जानी थी, लेकिन शासन ने ग्वालियर से बसों को रवाना किया है। जो हर शहर के छात्रों को छोड़ेंगी। इंदौर के करीब 25 बच्चों की सूची परिवहन विभाग आरटीओ के पास आई है, जिन्हें लेकर कोटा से बस इंदौर आएगी। उज्जैन जिले के 26 स्टूडेंट हैं। उज्जैन के एसडीएम डॉ.आरपी तिवारी ने बताया इन स्टूडेंट को लाने के लिए प्रशासन की संभाग स्तरीय टीम गठित की है। ये टीम सड़क मार्ग से जाएगी।