नई दिल्ली। चीन एयर पलूशन नियंत्रण और रोकथाम योजना (2013-2017) के असर पर की गई स्टडी प्रदूषण से जूझ रहे दिल्ली जैसों शहरों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज हो सकती है। पीकिंग यूनिवर्सिटी के स्कूल आॅफ पब्लिक हेल्थ ने चीन की इस महत्वाकांक्षी योजना पर स्टडी की है। इस स्टडी में पाया गया कि पिछले पांच सालों में चीन के जिन 74 महत्वपूर्ण शहरों में इस योजना को लागू किया गया वहां पीएम 2.5 के उत्सर्जन में 33 फीसदी तक की कमी आई।
Delhi learned from China, how to reduce PM 2.5 emissions by 33% in 5 years
शोधकर्ताओं ने पाया कि इन पांच सालों के दौरान पीएम10 के स्तर में 27.8 फीसदी, सल्फर डाइआॅक्साइड (एसओ2)में 54.1 फीसदी और कार्बन मोनोआॅक्साइड (सीओ) में 28.2 फीसदी की कमी आई। हालांकि नाइट्रोजन डाइआॅक्साइड (एनओ-2) और ओजोन (ओ-3) में कोई खास फर्क देखने को नहीं मिला।
प्रदूषण की वजह से मौतों में भी कमी
इस स्टडी के मुताबिक चीन में प्रदूषण की कमी के साथ-साथ इस वजह से होने वाली मौतों में भी कमी आई। इसके मुताबिक पेइचिंग-तियानजिन-हेबई रीजन, याग्तसे नदी डेल्टा रीजन और पर्ल नदी डेल्टा रीजन के 74 चीनी शहरों में वायु प्रदूषण से 44,240 कम मौतें हुईं।
स्टडी में दर्ज किया गया है कि चीन के एयर पलूशन कंट्रोल पॉलिसी से लंबे समय में स्वास्थ्य पर पड़ने वाले राष्ट्रव्यापी असर का व्यापक मूल्यांकन करने वाली यह पहली स्टडी है। इसके मुताबिक चीन ने तय समय में निश्चित इलाकों में हवा की क्वॉलिटी सुधारने के लिए लक्ष्य तय किए और एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट के लिए 10 ऐक्शन पॉइंट्स लिस्ट किए गए।
स्टडी में चीन के एयर पलूशन प्रीवेंशन ऐंड कंट्रोल ऐक्शन प्लान को ब्रिटेन और अमेरिका क्लीन एयर ऐक्ट के जैसा ही बताया गया है। हालांकि यह भी कहा गया है कि चीन की नीति के असर को आंकना क्लीन एयर ऐक्ट की तुलना में कठिन है, क्योंकि इसे 2013 में ही लागू किया गया था।
2013 में आकलन किया गया था कि पीएम 2.5 पलूशन की वजह से चीन के 74 प्रमुख शहरों में 4.2 लाख असमय मौतें हुईं। इनमें 64,810 मामले क्रोनिक आॅब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज, करीब एक लाख मामले, इस्केमिक हृदय रोग और 55,360 केस लंग कैंसर के थे। 2017 में यह आकलन घटकर 3.65 लाख असमय मौतों पर पहुंच गया।
दिल्ली क्या सीख सकती है
केंद्रीय पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा ने हाल में कहा था कि नैशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में तीन टाइमलाइन होगी। इसमें चरणबद्ध तरीके से 10 सालों में वर्तमान स्तर से 70 से 80 फीसदी वायु प्रदूषण कम किया जाएगा। टाइमलाइन के मुताबिक दिल्ली, मुंबई, पुणे, कोलकाता, बेंगलुरु. चंडीगढ़, इलाहाबाद, वाराणसी, कानपुर, जयपुर और पटना समेत अन्य शहरोम में अगले तीन सालों में वायु प्रदूषण 35 फीसदी, पांच सालो में 50 फीसदी और अगले 10 सालों में 70 से 80 फीसदी कम हो जाएगा।