नई दिल्ली
दिवाली की रात 8:30 बजे तक लग रहा था कि इस बार दिल्ली को वाकई पटाखों के प्रदूषण से आजादी मिल गई, लेकिन इसके बाद पटाखों ने वापसी की और वही दमघोंटू धुआं और शोर कई जगह फैल गया। बावजूद इसके गुड न्यूज रही कि 2015 के बाद से प्रदूषण का स्तर सबसे कम रहा। लेकिन आनेवाले कुछ दिनों तक दिल्ली की हवा अच्छी नहीं होनेवाली है। इसके पीछे तीन वजहें हैं। इसमें पराली जलना, हवाओं की दिशा और उसकी धीमी रफ्तार शामिल है।
पहली बार खतरनाक स्तर तक पहुंचा एयर क्वॉलिटी इंडेक्स
दिवाली के बाद दिल्ली की हवा इस सीजन में पहली बार खतरनाक स्तर तक पहुंची। सोमवार सुबह यह दिल्ली एनसीआर में कई जगहों पर 500 के पार था। इंडेक्स के हिसाब से इसका मतलब खतरनाक होता है।
मंगलवार सुबह क्या स्थिति
जगह | AQI | स्थिति |
दिल्ली | 392 | बहुत खराब |
नोएडा | 497 | खतरनाक |
गुरुग्राम | 389 | बहुत खराब |
गाजियाबाद | 382 | बहुत खराब |
बता दें कि एक्यूआई 0 से 50 के बीच होने पर ‘अच्छा’ होता है, जबकि 51 से 100 के बीच होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच होने पर उसे ‘गंभीर’ समझा जाता है।
मौसम विभाग के मुताबिक, दिवाली पर हवा की रफ्तार 16 किलोमीटर प्रति घंटा तक थी। लेकिन फिर यह धीमी हो गई। अगले कुछ दिन यह 7-8 किलोमीटर प्रति घंटा तक ही रह सकती है। इसका साफ मतलब यह है कि प्रदूषण के कण आसानी से इधर उधर नहीं होने वाले हैं और यह दिल्लीवालों का सांस लेना मुश्किल करेंगे। इसके अलावा हवा की दिशा भी उत्तर-पश्चिमी है, जिससे पराली का धुआं दिल्ली की तरफ आता रहेगा।