नई दिल्ली। प्लेन से अगर कचरा या मल नीचे जमीन पर गिरा तो एयरलाइंस को 50 हजार रुपये जुर्माना देना होगा। यह बात नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सभी एयरलाइंस और एयरक्राफ्ट आॅपरेटर्स को लिखित निर्देश देकर बताई है। डीजीसीए को यह निर्देश नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के एक आॅर्डर के बाद देना पड़ा।
DGCA awarded airlines to airlines, fines from dirt
हालांकि, एविएशन रेग्युलेटर खुद मानता है कि एनजीटी का आॅर्डर थोड़ा सख्त है। इसलिए उन्होंने एनजीटी से उसका आॅर्डर रिव्यू करने को कहा है। जबतक आॅर्डर रिव्यू नहीं होता तबतक सभी एयरलाइंस को इस निर्देश का पालन करना होगा। डीजीसीए डायरेक्टर (एयरक्राफ्ट इंजिनियर) अमित गुप्ता द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक, फाइनल आॅर्डर न आने तक कोई भी एयरलाइंस टेक आॅफ या लैंडिंग के वक्त या एयरपोर्ट के आसपास मल-मूत्र नहीं फेंक सकती। इस निर्देश का पालन न होने पर 50 हजार रुपये का जुमार्ना लगेगा। जारी आॅर्डर सभी घरेलू एयरलाइंस, भारत से और भारत के लिए उड़ान भरनेवाले विदेशी प्लेन्स, राज्य सरकारों, प्राइवेट आॅपरेटर्स पर लागू होगा।
हुई थी शिकायत
दिल्ली के वसंत कुंज में रहनेवाले एक शख्स ने एनजीटी में शिकायत दर्ज करवाई थी कि लैंडिंग से पहले एक प्लेन ने उनके घर के ऊपर मल फेंक दिया था। इसके बाद दिसंबर 2016 में डीजीसीए ने जांच के लिए 3 सदस्यों की एक कमिटी बनाई थी। फिर कमिटी की जांच पूरी होने से पहले ही एनजीएटी ने डीजीसीए को कुछ निर्देश दिए थे, जिसमें यह फाइन वाली बात भी थी।