दिग्विजय सिंह ने एमसीयू के कुलपति का समर्थन किया

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TIO भोपाल

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय (एमसीयू) में हुए घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं में अनुशासनहीनता का कोई स्थान नहीं हो सकता। नए कुलपति पिछले 15 साल में बिगड़े विश्वविद्यालय में अच्छा शैक्षणिक वातावरण तैयार कर रहे थे। इस प्रायोजित उत्पात से उस पर कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। विश्वविद्यालय को सुधारने के प्रयासों में कुलपति को मेरा पूरा समर्थन है।

सिंह ने आगे कहा- एमसीयू में हाल का घटनाक्रम दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस तरह से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने प्रायोजित उत्पात मचाया। उससे मेरी यह बात साबित हुई कि आरएसएस शिक्षण संस्थाओं पर जबरन कब्जा जमाना चाहता है।

बुधवार को एमसीयू प्रशासन ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के रवि भूषण सिंह, पत्रकारिता विभाग के विपिन तिवारी और विधि सिंह का निष्कासन रद्द कर दिया गया है। इससे पहले निष्कासित छात्रों का मामला विधानसभा में गूंजा। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ प्रशासन ने आतंकियों जैसा व्यवहार किया। निष्कासित छात्रों को तुरंत बहाल किया जाए। मंगलवार शाम को भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मामले की शिकायत की। विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसरों के विवादित ट्वीट के बाद हंगामा करने वाले 23 छात्रों को मंगलवार को निष्कासित कर दिया था।

दो प्रोफेसरों पर जातिवादी होने का आरोप लगाकर छात्रों ने किया था हंगामा
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दिलीप मंडल और मुकेश कुमार ने जाति विशेष को लेकर लगातार विवादित ट्वीट किए थे। नाराज छात्रों ने दोनों प्रोफेसर पर जातिवादी होने का आरोप लगाया था और विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया था। छात्रों पर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज भी किया गया। इस दौरान छात्रों की पुलिस ने पिटाई भी की थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने विश्वविद्यालय में लगे सीसीटीवी फुटेज देखे थे। इसके आधार पर 23 छात्रों को चिह्नित किया था।