सीधी बस हादसे में 4 और शव मिले, मृतकों की संख्या 51 पहुंची, सीएम पहुंचेंगे रामपुर नैकिन

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TIO BHOPAL

मध्यप्रदेश के सीधी में मंगलवार को एक बड़ा सड़क हादसा हो गया। सतना जा रही बस मंगलवार सुबह करीब 7.30 बजे मध्यप्रदेश के सीधी जिले में 22 फीट गहरी बाणसागर नहर में गिर गई। हादसे में अब तक 51 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जबकि सात लोगों की जान बच गई है। सीधी बस हादसा कई परिवारों को कभी न मिटने वाला गहरा जख्म देकर गया है। हादसे में मरने वालों की संख्या 51 हो चुकी है। मंगलवार रात तक 47 शव मिले थे। बुधवार को 4 बॉडी और मिलीं, जिसमें 5 महीने की बच्ची का शव रीवा में मिला। 3 लापता लोगों की तलाश जारी है। इस बीच, आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घटनास्थल पहुंचेंगे। वे पीड़ित परिवारों से भी मिलेंगे। 51 शवों के पोस्टमॉर्टम के लिए रामपुर नैकिन में डॉक्टर कम पड़ गए। जिले भर से डॉक्टरों को बुलाया गया और सभी शवों का पोस्टमार्टम किया गया।

सीधी जिले के गांव पोस्ट चौपाल की रहने वाली 22 साल की वीरा प्रजापति। दो भाई और दो बहनों में सबसे बड़ी। घर की जिम्मेदारी के चलते वह सरकारी नौकरी करना चाहती थी लेकिन सीधी बस हादसे में उसने अपने भाई को खो दिया। शाम तक उसका पता नहीं चला। वीरा कहती है- मंगलवार को सीधी से सतना में एएनएम का एक्जाम देने निकली थी। कभी सतना नहीं गई थी इसलिए 20 साल के छोटे भाई दीपेश को साथ लाई। मैं पीछे से दूसरी सीट पर बैठी थी। बस पूरी तरह कवर्ड थी। बस में 50 से ज्यादा यात्री रहे होंगे। दो की सीट पर तीन-तीन लोग बैठे थे, बहुत से स्टूडेंट थे। 15 से 20 लोग खड़े थे। सीधी से चली बस हर गांव-कस्बे में रूक रही थी। चुरहट के बाद रफ्तार पकड़ी। फिर बस में बातें चलने लगीं कि आगे छुइया घाट में तीन से चार दिन से जाम है। इस पर ड्राइवर ने नहर की पुलिया के पहले ही गाड़ी मोड़ ली और नए रास्ते से ले जाने लगा। रफ्तार बहुत तेज थी। कुछ लोगों ने ड्राइवर से बस धीरे चलाने को कहा लेकिन स्पीड कम नहीं की। कुछ ही दूरी पर अचानक झटका लगा। बस में पानी भरने लगा। मैंने अपने भाई का हाथ पकड़ लिया। समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है। मैं कैसे बाहर निकली मुझे पता नहीं, मेरा भाई बह गया (रोते हुए), पता नहीं वह कहां चला गया।

बस ड्राइवर को देर रात किया गया गिरफ्तार
रीवा के सिमरिया निवासी बस ड्राइवर 28 साल के बालेंद्र विश्वकर्मा को पुलिस ने मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। ड्राइवर ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसका एक ड्राइविंग लाइसेंस हादसे में बह गया जबकि दूसरा लाइसेंस रीवा में है, वही गाड़ी के दस्तावेज सतना में है। इसके बाद बालेंद्र के ड्राइविंग लाइसेंस और बस के डॉक्यूमेंट्स के लिए दो टीमें रीवा और सतना भेजी गई हैं।

पुलिस ड्राइवर से यह पता करने में जुटी है कि क्या वह पहले भी ओवरलोड कर बस चलाता था? ASP अंजूलता पटले के मुताबिक, बस में कुल 63 यात्री सवार थे। इनमें से तीन यात्री हादसे से पहले ही बस से उतर गए थे। वहीं 60 यात्रियों में छह की जान बचाई जा चुकी है।

बस में 33 स्थानों से लोग हुए थे सवार
नहर में पलटने वाली सीधी-सतना रूट की बस MP-19P 1882 में कुल 33 स्थानों से 60 लोग सवार हुए थे। इसमें सबसे ज्यादा रामपुर नैकिन, कुसमी और बहरी वेलहा से 3-3, बाकी आसपास के गांवों में रहने वाले थे।

500 मीटर तक ही लोग बह पाए थे
बस हादसे में जिंदा बच गए लोग इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं। इस बड़े हादसे में छह लोगों को उनके जज्बे ने बचा लिया। इसमें तीन पुरुष और तीन युवतियां शामिल हैं। इस दौरान बहादुर बेटी शिवरानी और उसके परिजन ने इन छह लोगों को बचाने में गजब की हिम्मत और जज्बा दिखाया। इसमें से अधिकतर 200 से 500 मीटर तक बह गए थे।

सबसे पीछे की सीट पर बैठी थी, बहने लगी तो रस्सी डालकर बचाया

सरई की नर्सिंग स्टूडेंट अर्चना जायसवाल भी एक्जाम देने के लिए सरई से सतना जा रही थी। उसने कहा- सबसे पीछे की लंबी सीट पर गेट के पास बैठी थी। हादसा कैसे हुआ, यह तो पता नहीं। पर मैं अचानक बहकर जाने लगी। काफी दूर तक जा चुकी थी। फिर किसी ने रस्सी के सहारे बचाया और बाहर लेकर आए। उसके बाद मुझे होश नहीं था, खुद को अस्पताल में पाया

बताया जा रहा है कि इस बस को चुरहट, रामपुर नाइकिन, बादरबार और गोविंदगढ़ से सीधी होते हुए सतना पहुंचना था। बस चुरहट पहुंची, लेकिन उसके बाद रामपुर नैकिन से छात्रों के कहने पर ड्राइवर ने रूट बदल दिया। हादसे में बची एक छात्रा विभा प्रजापति का कहना है कि अगर उनका परीक्षा केंद्र सतना की जगह सीधी में होता तो शायद उनकी जान बच जाती।

छात्रा ने कहा सीधी में होता सेंटर तो बच जाती जान
हादसे में नर्सिंग की एक छात्रा विभा प्रजापति को स्थानीय लोगों ने बचा लिया। उसका कहना है कि परीक्षा केंद्र पर जल्दी पहुंचने के लिए बस तेज रफ्तार से चल रही थी। स्टूडेंट के अलावा बस में महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल थे, जब बस अचानक से नहर में गिरी तो ड्राइवर ने कहा कि अपनी जान बचा सकते हो तो बचा लो। छात्रा ने कहा देखते ही देखते लोग नहर में बहने लगे। बह खुद भी पानी में डूबने लगी, लेकिन तभी मौके पर पहुंचे लोगों ने उसे बचा लिया।

दरअसल, सीधी से सतना जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 39 चुहिया घाटी से होकर गुजरता है। घटिया और अधूरी सड़कों के कारण चुहिया घाटी पिछले कुछ दिनों से जाम है। चुहिया घाटी से पहले कई ट्रेनें बागवार गांव से गुजर रही हैं। बस के ड्राइवर ने भी जाम से बचने के लिए रूट बदल दिया।

एनटीपीसी और रेलवे का था एग्जाम
16 फरवरी को रेलवे, एनटीपीसी और नर्सिंग का एग्जाम था। जिसके लिए सतना और रीवा में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इसके अलावा नर्सिंग की छात्राओं का भी एग्जाम सतना में था। ऐसे में बस में अधिकतर छात्र शामिल थे। बताया जा रहा है कि परीक्षा केंद्र पर समय से पहुंचने के लिए छात्रों के कहने पर ड्राइवर ने बस का रूट बदल लिया, ताकि छात्र समय से परीक्षा में शामिल हो सके। लेकिन रूट बदलना ही इस हादसे की वजह बना।
बांध के पानी को हटाने के बाद शुरू हुआ बचाव अभियान
हादसे के दौरान नहर में पानी का बहाव अधिक था। जब बचाव दल मौके पर पहुंचा, तो बस 22 फुट गहरी नहर में डूबी हुई थी। 40 किमी दूर बांध जलाशय से पानी रोकने के बाद, इसे सिहावल नहर की ओर मोड़ दिया। उसके बाद, नहर में पानी कम हो गया और गोताखोर नहर में उतर गए और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) का बचाव अभियान शुरू किया गया।