सुषमा स्वराज का विदिशा से मोहभंग, महीने में दो दिन क्षेत्र में आने का संकल्प भी तोड़ा

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भोपाल। केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा से मोहभंग हो गया है। वे पिछले तीन साल से क्षेत्र में झांकने तक नहीं आई है। पिछले साल तक उन्होंने गंभीर बीमारी का हवाला क्षेत्र से दूरी बना ली थी, लेकिन स्वस्थ होने के बाद से वे एक बार भी क्षेत्र की जनता के बीच नहीं पहुंची हैं। जनता से जुड़े सभी काम उनका स्टाफ एवं स्थानीय भाजपा नेता देख रहे हैं। विदेश मंत्री की संसदीय क्षेत्र से बढ़ती दूरी से इस बात के संकेत हैं, कि वे अगला लोकसभा चुनाव विदिशा से नहीं लड़ेंगी। उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है या फिर वे किसी अन्य राज्य से चुनाव लड़ सकती है।
Disillusioned with Sushma Swaraj Vidisha, broke the resolution of coming in the area for two days a month
सुषमा स्वराज तीन साल पहले विदिशा प्रवास पर आईं थी। इसके बाद उन्हें किडनी की बीमारी से जूझना पड़ा। महीनों के उपचार के बाद जब उन्होंने स्वस्थ होकर विदेश मंत्रालय संभाला, उसके बाद से वे सिर्फ एक बार भोपाल आईं, लेकिन अपने संसदीय क्षेत्र में झांकने तक नहीं गई।

इस दौरान उन्होंने विदिशा संसदीस क्षेत्र के नेताओं को भोपाल स्थित अपने सरकारी आवास पर बुलाकर चर्चा की। साथ ही ग्रामीणों से भी यहीं मिलीं थीं। इसके बाद से सुषमा स्वराज भोपाल भी नहीं लौटी हैं। न ही उनकी मप्र भाजपा संगठन एवं सरकार के कार्यों में रुचि है। जबकि मप्र संगठन की ओर से सुषमा स्वराज को कई कार्यक्रमों में उपस्थित होने का आमंत्रण भेजा था।

यह संकल्प भी टूटा
सुषमा स्वराज 2009 से विदिशा से सांसद हैं। उन्होंने संकल्प लिया था कि वे महीने में 2 दिन क्षेत्र के प्रवास पर आएंगी और सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे। लेकिन पिछले तीन साल से सुषमा ने यह संकल्प भी तोड़ दिया है। क्षेत्रीय जनता अपने सांसद की वाट जोह रही है।

भाजपा का गढ़ है विदिशा
विदिशा संसदीय सीट भाजपा का गढ़ रही है। 1967 में यहां जनसंघ ने जीत दर्ज की। सिर्फ 1980 से 1989 तक यहां से कांग्रेस के प्रताप भानू शर्मा सांसद बने। इसके बाद राघवी जी। 1991 में अटलजी यहां जीते। इसके बाद 1991 से 2006 तक शिवराज सिंह चौहान यहां से पांच बार सांसद रहे हैं। विदिशा को शिवराज का गढ़ माना जाता है। शिवराज ने मुख्यमंत्री बनने के बाद सीट छोड़ी, तब रामपाल सिंह सांसद बने। इसके बाद 2009 से सुषमा स्वराज सांसद हैं।

शिवराज की घेराबंदी में जुटे कमलनाथ
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घेराबंदी शुरू कर दी है। पीसीसी अध्यक्ष 2 सितंबर को विदिशा के गंजबासौदा में बड़ी सभा करने जा रहे हैं। जिसमें हजारों की भीड़ जुटने लाने की तैयारी है। इसके बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी विदिशा आएंगे। पीसीसी सूत्रों ने बताया कि विदिशा में होने वाली सभा में कमलनाथ अपने गृह जिले छिंदवाड़ा और सीएम के गृह जिले विदिशा के विकास की तस्वीरे पेश करेंगे। साथ ही वे मुख्यमंत्री के विकास के दावों की पोल खालेंगे।