ई-टेंडरिंग घोटाला: शिवराज सरकार में मंत्री रहे ये तीन नेता जांच के घेरे में!

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भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित ई-टेंडरिंग घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब शिवराज सरकार में मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा, कुसुम मेहदेले और रामपाल भी जांच के दायरे में आ गए हैं। जिन पांच विभागों के 9 टेंडरों में 3000 करोड़ का ई-टेंडरिंग घोटाला हुआ है, उन विभागों की जिम्मेदारी कुसुम मेहदेले, नरोत्तम मिश्रा और रामपाल पर थी। ईओडब्ल्यू ने मामले में अज्ञात राजनेताओं पर एफआईआर दर्ज की है। ईओडब्ल्यू के मुताबिक जल निगम और पीएचई में सबसे ज्यादा घोटाला हुआ है।

दरअसल, आयकर विभाग के छापेमार कार्रवाई के बाद अब एमपी सरकार एक्शन में आ गई है। ईओडब्ल्यू ने ई टेंडरिंग घोटाले में कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम की तकनीकी जांच के आधार पर एफआईआर दर्ज की है।

जानकारी के मुताबिक जल निगम में 1800 करोड़, सड़क विकास निगम में 8 करोड़, लोक निर्माण विभाग में 14 करोड़, जल संसाधन विभाग में 1135 करोड़, पीआईयू में 15 करोड़ का ई टेंडरिंग घोटाला हुआ है।

बता दें कि जल निगम की मंत्री कुसुम महदेले थीं, जबकि जल संसाधन विभाग के मंत्री नरोत्तम मिश्रा थे। वहीं सड़क विकास निगम, लोक निर्माण विभाग, पीआईयू के मंत्री रामपाल थे। इस तरह 5 विभागों के कुल 9 टेंडर में 3 हजार करोड़ का घोटाला सामने आया है।