नई दिल्ली
आईएनएक्स मीडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की याचिका पर फैसला 5 सितंबर को सुनाएगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग देश और समाज के खिलाफ किया गया अपराध है। ईडी ने दलील दी कि आईएनएक्स मामले में बड़ी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए चिदंबरम से कस्टडी में पूछताछ जरूरी है।
जस्टिस आर भानुमती और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच के सामने ईडी ने दलील दी कि चिदंबरम से पूछताछ के दौरान हम अभी वह दस्तावेज नहीं दिखा सकते, जो हमने इस केस में इकट्ठा किए हैं। यह सबूत पैसों की कड़ी से जुड़े हैं और इनके सामने आने पर शायद पैसा गायब हो जाए।
ईडी ने कहा- 2009 के बाद लगातार मनी लॉन्ड्रिंग हुई, सबूत हैं
ईडी की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- अभी इस स्टेज पर आरोपी के सामने दस्तावेज, सूत्र और सबूतों को जाहिर करना ठीक नहीं है। जांच करना एजेंसी का विशेषाधिकार है। मनी लॉन्ड्रिंग देश और समाज के खिलाफ अपराध है। यह एजेंसी की जिम्मेदारी भी है और अधिकार भी कि वह इस पूरे मामले का पर्दाफाश करे। अदालत भी पहले यही कहती आई है कि आर्थिक अपराध गंभीरतम हैं, फिर भले ही उसके लिए सजा कैसी भी तय क्यों न की गई हो। हमारे पास दस्तावेज हैं, जो यह दिखाते हैं कि 2009 के बाद लगातार मनी लॉन्ड्रिंग होती रही है और आज भी हो रही है।
ईडी ने कहा था- खुद को पीड़ित बता गिरफ्तारी से बच रहे चिदंबरम
ईडी की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को कोर्ट से कहा था- चिदंबरम इस मामले में पीड़ित बनने की चाल खेल रहे हैं। वे खुद को पीड़ित के तौर पर पेश कर रहे हैं। ऐसा कर वह बात का बतंगड़ बना रहे हैं और ईडी की गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। ईडी के पास इस बात के सबूत हैं कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर मामला है।
वित्त मंत्री रहते हुए विदेशी निवेश की मंजूरी दी थी
आरोप है कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए रिश्वत लेकर आईएनएक्स को 2007 में 305 करोड़ रु. लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी। जिन कंपनियों को फायदा हुआ, उन्हें चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चलाते हैं। सीबीआई ने 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था। 2018 में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। एयरसेल-मैक्सिस डील में भी चिदंबरम आरोपी हैं। इसमें सीबीआई ने 2017 में एफआईआर दर्ज की थी।