ईवीएम-वीवीपीएटी नहीं हटाने के पक्ष में चुनाव आयुक्त रावत, कहा-फैसला लेने राजनीतिक दल स्वतंत्र

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नई दिल्ली: वोटिंग मशीन को खारिज कर बैलेट पेपर्स से चुनाव कराने की अखिलेश यादव की मांग पर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने एनडीटीवी से कहा कि यह कतई सही नहीं है कि हम फिर से पेपर बैलेट पेपर से चुनाव कराएं. हालांकि, उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल इस बात के लिए स्वतंत्र हैं कि वह किससे चुनाव कराना चाहते हैं.
Election commissioner Rawat, in favor of not removing EVM-VVPAT, said, political party independent to take decision
रावत ने इस बात को रेखांकित करते हुए कहा कि कमीशन और मतदान कर्मचारी वीवीपीएटी, या मतदाता सत्यापन योग्य पेपर आॅडिट ट्रेल मशीनों के घटनाओं को कम करने में सक्षम होंगे और 2019 में बेहतर प्रशिक्षण की वजह से खराब प्रदर्श? को भी कम कर सकते हैं. बता दें कि आयोग के अधिकारियों ने सीधे सूर्य की रोशनी और अत्यधिक गर्मी को ईवीएम में खराबी के लिए दोषी ठहराया था. इस पर चुनाव आयोग के प्रमुख ने अपना मत स्पष्ट किया. जब आयोगी का बयान सामने आया, तो सोशल मीडिया पर इस बयान की खूब खिल्ली उड़ी. आयोग ने कहा था कि मशीनों में खराबी की वजह भीषण गर्मी भी हो सकती है.

उपुचुनाव में ईवीएम में खराबी की खबरें आने के बाद अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से मशीन को हटाने और बैलेट पेपर से 2019 में चुनाव कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि वीवीपीएटी मशीन केवल उन मतदान केंद्रों में खराब हुआ, जो कि उनकी पार्टी का गढ़ था और अगर चुनाव आयोग की दलीत की मानें तो क्या निर्वाचन क्षेत्र के अन्य हिस्सों में क्या ठंड थी?

ओपी रावत ने समझाया कि वीवीपीएटी मशीन प्रकाश के प्रति काफी संवेदनशील है, क्योंकि इसमें विपरीत सेंसर होते हैं. इसलिए अगर इन मशीनों को सीधे प्रकाश, सूरज की रोशनी या यहां तक कि एक ट्यूब-लाइट के नीचे रखा जाता है, तो वे खराब हो जाते हैं. इसके अलावा, अत्यधिक गर्मी होती है, तो पेपर रोल परेशानी दे रहा है, पेपर रोल परेशानी खड़ी करने लगता है. आगे उन्होंने कहा कि मगर गर्मी और सीधे प्रकाश समस्या का एक साइड है. दूसरा साइड पोलिंग स्टाफ की ट्रेनिंग है.