अभिलाष के लिए सच हुई मिस्र की मान्यता, 70 घंटे चले बचाव अभियान के बाद टोमी को बचाया

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पणजी। अफ्रीकी देश मिस्र में प्राचीन काल से ही ऐसी मान्यता है कि ओसिरिस पुर्नजन्म के देवता हैं। मिस्र की यह मान्यता भारतीय नौसेना के सेलर अभिलाष टोमी के लिए सच साबित हुई। भारत से करीब 5 हजार किलोमीटर दूर हिंद महासागर में समुद्र की ऊंची-ऊंची लहरों के बीच करीब 70 घंटे तक चोटिल अवस्था में जिंदगी और मौत से जूझने के बाद कमांडर अभिलाष टॉमी को सोमवार को बचा लिया गया।
Embraced Egypt’s belief, saved Tommy after 70 hours of rescue operations
गोल्डन ग्लोब रेस के भारतीय प्रतिनिधि कमांडर अभिलाष टोमी समुद्री तूफान में फंस गए थे और उनका लकड़ी का बना जहाज बुरी तरह से बर्बाद हो गया था। इस दौरान वह चोटिल भी हो गए थे। दुनिया के सुदूरवर्ती इलाके में फंसे टोमी ने इसकी सूचना रेस के आयोजकों को दी। इसके बाद फांसीसी नौसेना के जहाज ओसिरिस ने सबसे पहले टोमी को ढूंढ निकाला।

इसके बाद चार देशों की नौसेना के मदद से करीब 70 घंटे तक चले बचाव अभियान के बाद टोमी को बचा लिया गया। 39 वर्षीय टोमी की दो पाल वाली नौका ‘थूरिया’ कन्याकुमारी से करीब 5 हजार किमी और आॅस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट से करीब 3 हजार किमी दूर तूफान में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। टोमी पहले ऐसे भारतीय और दूसरे एशियाई हैं जो बिना की किसी मदद के अकेले दुनिया का चक्कर लगाने के लिए अकेले इस रेस में निकले थे।

ग्लोब रेस के तहत फ्रांस के लिए हुए थे रवाना
गत एक जुलाई को 2018 गोल्डन ग्लोब रेस के तहत फ्रांस के लिए रवाना हुए थे। पूरी मेडिकल जांच के बाद उन्हें फ्रांसीसी द्वीप पर ले जाया गया था। यह रेस वर्ष 1968 में इसी नाम से आयोजित एक प्रतियोगिता की याद में आयोजित किया जाता है। टोमी की नाव थूरिया को साधारण नाव नहीं थी। थूरिया वर्ष 1968 में यह रेस जीतने वाले रॉबिन नॉक्स की नाव सुहैली की रेप्लिका है।

सुहैली का निर्माण मुंबई में हुआ था जबकि थूरिया का निर्माण गोवा में हुआ था। इस प्रतियोगिता में कुल 18 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं और उन्हें वर्ष 1968 तक बनी तकनीकों की मदद से ही यह यात्रा पूरी करनी है। हरेक नाविक के पास मात्र एक संचार उपकरण ही है। प्रत्येक प्रतिभागी को भोजन के एक हजार पैकेट दिए गए हैं। टोमी के पास 140 लीटर पीने का पानी था।

समुद्र में उठ रही थीं 14 मीटर ऊंची लहरें
दो सितंबर को टोमी ने केप आॅफ गुड होप का चक्कर लगाया और 21 सितंबर को टोमी और आयरलैंड के एक नाविक तूफान की चपेट में आ गए। इस दौरान 130 किमी की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं और समुद्र में 14 मीटर ऊंची खतरनाक लहरें उठ रही थीं। टोमी का संचार उपकरण टूट गया था लेकिन उन्होंने लिखित संदेश भेजकर बताया कि उनकी नाव क्षतिग्रस्त हो गई है और उनकी पीठ में चोट लगी है।