नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में आज कामकाज प्रभावित रहेगा। विजया बैंक और देना बैंक के बैंक आॅफ बड़ौदा में प्रस्तावित विलय के खिलाफ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों की यूनियन ने हड़ताल का आह्वान किया है। एक सप्ताह से भी कम समय में यह सार्वजनिक बैंकों दूसरी हड़ताल है।
Employees of government banks on strike again, work will remain affected
21 दिसंबर को भी थी हड़ताल
बैंक अधिकारियों की यूनियन ने प्रस्तावित विलय और वेतन संशोधन पर बातचीत को जल्दी निष्कर्ष पर पहुंचाने को लेकर पिछले शुक्रवार (21 दिसंबर) को हड़ताल की थी।
निजी बैंकों में होगा कामकाज
अधिकतर बैंकों ने पहले ही ग्राहकों को हड़ताल के बारे में सूचना दे दी थी। निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज आम दिनों की तरह सामान्य रहेगा।
10 लाख कर्मचारी हड़ताल पर
यूनाइटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने हड़ताल का आह्वान किया है। यूएफबीयू नौ बैंक यूनियनों का संगठन है। इसमें आॅल इंडिया बैंक आॅफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी), आॅल इंडिया बैंक एम्पलाइज असोसिएशन (एआईबीईए), नेशनल कनफेडरेशन आॅफ बैंक एम्प्लायज (एनसीबीई) और नैशनल आगेर्नाइजेशन आॅफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) आदि यूनियनें शामिल हैं। यूएफबीयू का दावा है कि उसके सदस्यों की संख्या 10 लाख से अधिक है।
नहीं हुई सुलह
एआईबीईए के महासिचव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त ने सुलह सफाई के लिए बैठक बुलाई थी, लेकिन उससे कोई हल नहीं निकला। इसीलिए सभी यूनियनों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान न तो सरकार और न ही संबंधित बैंकों ने आगे आकर यह भरोसा नहीं दिलाया कि वे विलय के लिए कदम नहीं उठाएंगे।
सितंबर में हुई थी विलय की घोषणा
सरकार ने सितंबर में सार्वजनिक क्षेत्र के विजया बैंक और देना बैंक का बैंक आॅफ बड़ौदा में विलय करने की घोषणा की थी। इससे देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा। वेतन संशोधन पर नैशनल आॅगेर्नाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा, ‘वेतन संशोधन नवंबर, 2017 से लंबित है। अबतक इंडियन बैंक्स असोसिएशन (आईबीए) ने वेतन में 8 प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की है जो यूएफबीयू को स्वीकार्य नहीं है।’