नूर-उस-सबा पैलेस होटल में हैदराबादी फूड फेस्टीवल का उठाए लुत्फ

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शशी कुमार केसवानी


खाना एक ऐसी चीज है, जिसका नाम सुनते ही आदमी का मन बदल जाता है और खास तौर पर अगर खाना हैदराबादी हो तो। इन दिनों भोपाल के नूर-उस-सबा पैलेस होटल में हैदराबादी फूड फेस्टीवल चल रहा है। हैदराबादी एक ऐसी जगह है जहां पर दुनिया भर के खानों का स्वाद मिल सकता है। जबकि हैदराबाद के खाने का एक अलग ही स्वाद है।

हैदराबाद के शेख गोपी किशन लेकर आए है हैदराबादी फूड फेस्टीवल जिसमें कई तरह के विशेष हैदराबादी व्यंजन है। जैसे TARMEZI MACCHI, GOSHT KA HALLEEM , DAHI KE KABAB MURG BANO KABAB, PATTHAR KA GOSHT, GUL-E-FIRDAUS, ARBI KA KHATTA, HYDERABADI GOSHT KHORMA, BAGHARA BAIGAN, LAGAN KA GOSHT, DUM KA MURGH, SULTANI DAL, DAL SAAT NIZAM, GOSHT KI TAHIRI, HYDERABADI MURGH DUM BIRYANI, SHEERMAL, KHAMIRI ROTI, WARQUI PARATHA ऐसी ही कई ओर चीजें जिनका स्वाद बयान करना बहुत ही मुश्किल है। मैंने तो जो-जो चीजें थोड़ी थोड़ी चखी उनका जरूर बता सकता हूं।

खास तौर पर हलीम 72 घंटे में पका हुआ था जिसे मुंह में रखते से ही महसूस हो रहा था कि इसको बनाने में कितनी मेहनत की गई है। मच्छी खाते ही एक अलग फील आ रहा था। आज कल दही कबाब सब जगह मिल जाते है पर असली दही कबाब क्या होते है उसका अहसास मु­ो शेफ गोपी किशन के हाथों के जादू से पता चला। पत्थर का गोश्त खाने के बाद मु­ो अपने बचपन के वो दिन याद आ गए जब लोगों के घरों में सिल बट्टा होता था और खाने की चीजें उसमें बनाई जाती थी यह एक ऐसा स्वाद था जिसे मैैं जीवन भर नहीं भूल सकता।

पेट में जगह नहीं थी दिल भरा नहीं था और जब ऊपर से मीठा मिल जाए GUL-E-FIRDAUS की खीर जो साबूदाने और लौकी से बनी हुई थी और बहुत ही हल्की अगर खाना न खाया होता तो पांच-सात प्लेट तो खा ही जाता। कुछ स्वाद ऐसे होते है जो मन के साथ आत्मा को भी तÞृप्त कर जाते है। मैंने तो सारे स्वाद चख लिए आप भी ये स्वाद चखे। होटल के नए जनरल मैनेजर प्रवीण शर्मा के नेतृत्व में ये फूड फेस्टीवल भोपाल वालों के लिए एक यादगार फूड फेस्टीवल रहेगा। शुक्रवार से लेकर रविवार तक है तो नूर-उस-सबा जाकर हैदराबादी फेस्टीवल का आनंद उठाए। इस फेस्टीवल में मेरे साथ फूड ब्लॉगर एसोसिएशन के सदस्य भी थे।