सीएम पद की सपथ लेने से पहले ही कुमारस्वामी ने कांग्रेस को चेताया, कहा नहीं होगा बारी-बारी का सीएम

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बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर 23 मई को शपथ ग्रहण करने जा रहे जदएस नेता कुमारस्वामी ने रविवार को कांग्रेस को कड़ा संदेश देते हुए 30-30 महीने सरकार का नेतृत्व करने का फॉमूर्ला खारिज कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है।
दरअसल, मीडिया के एक वर्ग में ऐसी खबरें चल रही थीं कि जदएस और कांग्रेस बारी-बारी से 30-30 महीने सरकार का नेतृत्व करने के फॉमूर्ले पर आगे बढ़ रहे हैं।
Even before taking the path of CM post, Kumaraswamy has warned the Congress, will not say turn-based CM
कुमारस्वामी ने इसी फॉमूर्ले के आधार पर जनवरी 2006 में 20-20 महीने के लिए भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। हालांकि, बाद में उन्होंने भाजपा को सरकार का नेतृत्व सौंपने से इन्कार कर दिया और सरकार गिर गई थी। इसके बाद 2008 में हुए चुनावों में भाजपा बहुमत हासिल कर सत्ता में आई थी और येद्दयुरप्पा मुख्यमंत्री बने थे।

मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर कुमारस्वामी ने कहा कि इस बारे में भी अभी कोई बातचीत नहीं हुई है। वह सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। इस बातचीत के आधार पर तय होगा कि कांग्रेस और जदएस के कितने-कितने विधायक मंत्री बनेंगे। वह उन्हें शपथ ग्रहण समारोह के लिए भी आमंत्रित करेंगे। उन्होंने बताया कि शपथ ग्रहण के 24 घंटे के भीतर वह बहुमत साबित कर देंगे।

राजराजेश्वरी नगर और जयनगर सीट पर चुनावों में कांग्रेस से समझौता वार्ता की खबरों को भी कुमारस्वामी ने बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने कहा कि दोनों सीटों पर जीत हासिल करना बेहद जरूरी है, लेकिन अब तक ऐसी कोई वार्ता नहीं हुई है। राजराजेश्वरी में जाली मतदाता पहचान पत्र मिलने और जयनगर में भाजपा प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव टाल दिया गया था।

कुमारस्वामी ने रविवार को अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। वह उस होटल में भी गए जहां उनके पार्टी विधायक ठहरे हुए हैं। पार्टी विधायकों के साथ उन्होंने बैठक भी की। विधायकों को अभी भी होटल में ठहराए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह फैसला उन्होंने विधायकों पर ही छोड़ा हुआ है। मालूम हो कि भाजपा के मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा ने शनिवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव का सामना किए बिना ही पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद राज्यपाल वजुभाई वाला ने कुमारस्वामी को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया था।