श्योपुर में अभी तक शुरू नहीं हो सका कुपोषण मुक्त भारत अभियान, मोबाइल नेटवर्क बना कारण

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श्योपुर। 11 माह पहले देश के 315 जिलों में शुरू किया गया राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत कुपोषण मुक्त भारत अभियान श्योपुर में अभी तक शुरू नहीं हो सका है। अधिकारी इस अभियान में रुकावट के लिए मोबाइल नेटवर्क को कारण बता रहे हैं। हकीकत यह है कि जिले के अधिकांश क्षेत्र मोबाइल नेटवर्क की जद में हैं। 8 मार्च 2018 से शुरू हुई कुपोषण मुक्त भारत अभियान का श्योपुर जिले में भी समारोहपूर्वक शुभारंभ किया गया था। अभियान को सफल बनाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वजन मशीन एवं लंबाई नापने के यंत्र मुहैया कराए गए थे। मंशा यह थी कि कमजोर और कुपोषितों को तलाशकर उन्हें पोषित बनाने के लिए उन्हें भरपूर पौष्टिक आहार दिया जाना था।
Failed to start malnutrition free India campaign in Sheopur, due to mobile network
केन्द्र सरकार ने इस योजना की मॉनीटरिंग अपने हाथ में रखने के चलते पेपरलेस जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजरों को मोबाइल से जानकारी एकत्रित करना और उसे राष्ट्रीय पोर्टल पर सीधे अपलोड करना सिखाया था। प्रशिक्षण तो मिल गया, लेकिन जानकारी आॅनलाइन करने के लिए जरूरी मोबाइल अभी तक नहीं मिले हैं। यही कारण है कि अभियान के संचालन में बाधा बना है।

आईएलए से जोड़ा पर राष्ट्रीय स्तर पर शून्य है गतिविधियां
राष्ट्रीय पोषण मिशन को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार ने इसे प्रदेश में संचालित इंक्रीमेंटल लर्निग एप्रोच (आईएलए) जोड़कर संचालित कराना शुरू कर दिया है। आईएलए के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को गृह भेंट कर बच्चों के वजन लेना, गर्भवती से चर्चा कर एनीमिया की जानकारी उपलब्ध करना और उसे पंजी में दर्ज किया जा रहा है। लगभग यहीं काम राष्ट्रीय पोषण मिशन में भी शामिल है लेकिन, राष्ट्रीय पोषण मिशन में गृह भेंट के दौरान ली गई जानकारी को तत्काल मोबाइल से आॅनलाइन दर्ज कराना होता है।

नेटवर्क की है समस्या
राष्ट्रीय पोषण मिशन को आईएलए से जोड़कर जानकारियां एकत्रित कराई जा रही है। विजयपुर-कराहल के बड़े क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की समस्या है इसलिए मोबाइल उपलब्ध नहीं हो सके हैं। हम ऐसी दूर-दराज की कार्यकर्ताओं को जीपीएस वाला मोबाइल उपलब्ध कराएंगे ताकि नेटवर्क के बिना भी काम किया जा सके।
रतनसिंह गुंड्या, डीपीओ, श्योपुर