चिल्ला बॉर्डर जाम करेंगे किसान, प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

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TIO NEW DELHI

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 21वें दिन भी जारी है। किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। सरकार कुछ संशोधन पर अड़िग है तो किसान कृषि कानूनों को वापस कराने की मांग पर अड़े हैं। अब किसानों को सरकार को लिखित जवाब दे दिया है कि उन्हें सरकार का संशोधन का प्रस्ताव मंजूर नहीं है। वहीं, आज कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर हो रहे किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। दायर याचिका में कहा गया है कि धरना-प्रदर्शन से आम लोगों को भारी परेशानी हो रही है। किसानों ने आज चिल्ला बॉर्डर जाम करने की चेतावनी है।

नए किसान कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच जारी विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे बल्कि उनमें संशोधन किया जा सकता है। वहीं किसान संगठन तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर डटे हुए हैं। इस विवाद के बीच आज किसान संगठन दिल्ली से सटी चिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन करेंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में भी आज ही इस विषय पर भी सुनवाई होगी कि राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करके किसानों द्वारा आंदोलन करना जायज है या नहीं। गौरतलब है कि कई किसान संगठनों से जुड़े हजारों किसान बीते कई दिनों से हाईवे पर डेरा जमाकर बैठे है और आंदोलन कर रहे हैं। इस कारण से आवाजाही प्रभावित हो रही है और यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

लिखित जवाब, कहा- आंदोलन को बदनाम करना बंद करें
सरकार ने जब से किसानों को लिखित प्रस्ताव भेजा था उसके बाद से ही सरकार यह कह रही थी कि किसानों ने उनका जवाब नहीं दिया है। इसी के चलते आज संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से प्रोफेसर दर्शन पाल ने कृषि मंत्री को प्रस्ताव का जवाब लिखित में दिया है। इसमें उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार का प्रस्ताव नामंजूर है। इस पत्र में लिखा है, ‘आपसे प्राप्त किए गए प्रस्ताव और पत्र के संदर्भ में आपके माध्यम से सरकार को सूचित करना चाहते हैं कि किसान संगठनों ने उसी दिन एक संयुक्त बैठक की और आपकी तरफ से दिए गए प्रस्ताव पर चर्चा की और इसे अस्वीकार कर दिया, क्योंकि 5 दिसंबर 2020 को सरकारी प्रतिनिधियों द्वारा मौखिक प्रस्ताव का ही लिखित प्रारूप था। हम अपनी मूल बातें पहले ही विभिन्न दौर की बातचीत में मौखिक तौर पर रख चुके थे, इसीलिए, लिखित जवाब नहीं दिया। हम चाहते हैं कि सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करना बंद करे और दूसरे किसान संगठनों से समानांतर वार्ता बंद करे।’


09:37 AM, 16-DEC-2020
समझौते और संघर्ष की शर्तों के बीच सरकार के प्रस्ताव पर आज संयुक्त मोर्चा जवाब देगा
किसान आंदोलन भी टुकड़े- टुकड़े में अब ‘समझौते’और ‘संघर्ष’ की दिशा में बढ़ चला है। आंदोलन से जुड़े कई संगठन नए सिरे से बातचीत का मन बना रहे हैं, वहीं संयुक्त मोर्चा के नाम पर पंजाब की जत्थेबंदियों ने एकजुट आंदोलन को और तेज करने का फैसला किया है। 
 
09:12 AM, 16-DEC-2020
यूपी की अलग-अलग जगहों से आए पूर्व सैनिक गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे
किसान कानूनों के विरोध के लिए यूपी की अलग-अलग जगहों से आए पूर्व सैनिक गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। पूर्व सैनिक संगठन से सूबेदार रहे जे.पी. मिश्रा ने बताया कि ओडिशा से भी और लोग आज आ रहे हैं। साढ़े 10 बजे तक लगभग 200 लोग आ जाएंगे। किसानों के साथ अब संत और सैनिक समाज दोनों खड़े हैं।
 

09:02 AM, 16-DEC-2020
20 को ‘शहीद’ किसानों को देंगे श्रद्धांजलि
किसान नेता ऋषिपाल ने कहा, जब से आंदोलन शुरू हुआ है हर दिन औसत एक किसान भाई की जान जा रही है। अब तक 20 किसान इस आंदोलन में शहीद हुए हैं। हम सब इन किसानों के सम्मान में 20 दिसंबर को श्रद्धांजलि दिवस के तौर पर मनाएंगे और देश भर के गांवों और तहसील मुख्यालयों पर 20 दिसंबर को सुबह 11 बजे से दोपहर 01 बजे तक श्रद्धांजलि दी जाएगी। 
 
08:54 AM, 16-DEC-2020
चिल्ला बॉर्डर जाम करने का एलान
केंद्र के तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ 21 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने मंगलवार को सख्त संदेश दिया कि वह किसी भी हाल में सरकार को तीनों कानून वापस लेने पर मजबूर करेंगे। किसान आज चिल्ला बॉर्डर जाम करेंगे और आने वाले दिनों में आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा। 
08:48 AM, 16-DEC-2020
किसानों ने लिखित में ठुकराया सरकार का प्रस्ताव, दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन को लेकर थोड़ी देर में सुनवाई
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर हो रहे किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। दायर याचिका में कहा गया है कि धरना-प्रदर्शन से आम लोगों को भारी परेशानी हो रही है। आज सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं।