बाप-बेटे ने सरकारी बंगला खाली करने के बाद सुको से अर्जी ली वापस

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नई दिल्ली। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने बंगला खाली न करने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है। दोनों ने पिछले जून महीने में आवंटित किए गए बंगलों को खाली कर दिया था इसलिए अब इस याचिका का कोई महत्व नहीं है।
Father and son petitioned for soliciting the government bungalow
वहीं दोनों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब इस याचिका का निपटारा कर दिया जाए। मुलायम सिंह यादव ने अपनी बढ़ती उम्र और गिरती सेहत का हवाला देते हुए कहा था उन्हें आवंटित बंगले को खाली करने से रोका जाए। जबकि अखिलेश ने अपनी सुरक्षा और बच्चों की पढ़ाई की दलील दी थी।

पद छोड़ देने के बाद आम आदमी के बराबर
पिछले 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी बंगले में रहने के हकदार नहीं है। जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि एक बार मुख्यमंत्री अपना पद छोड़ दे तो वह आम आदमी के बराबर है। यूपी सरकार ने कानून में संशोधन कर जो नई व्यवस्था दी थी वो असंवैधानिक है।

बंगला खाली कराने की कवायद में जुट गई
कोर्ट ने एनजीओ लोक प्रहरी की याचिका पर फैसला सुनाते हुए यूपी मिनिस्टर सैलरी अलाउंस एंड मिसलेनियस प्रोविजन एक्ट के उन प्रावधानों को रद्द कर दिया था जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले में रहने का अधिकार दिया गया था। कोर्ट के इस आदेश के बाद यूपी सरकार छह पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगला खाली कराने की कवायद में जुट गई है। याचिका में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने बंगला खाली करने के लिए दो-दो साल का वक्त मांगा है।