एफआईआर भोपाल में, दिल्ली में चल रहा मंथन, केस दर्ज होने के बाद कांग्रेस नेताओं में बढ़ी बेचैनी

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भोपाल। हाल ही में व्यापमं घोटाले को लेकर कोर्ट में चले घटनाक्रम के बाद मप्र भाजपा की शिकायत पर कांग्रेस नेताओं पर भोपाल में एफआईआर दर्ज होने के बाद दिल्ली में मंथन शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता अब इस मामले में कोर्ट में ही भाजपा पर पलटवार करने की तैयारी में है। इस मामले में दिल्ली में कांग्रेस के नेता, अधिवक्ताओं की दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक भी हुई है। जल्द ही इस मामले में कांग्रेस की ओर पलटवार किया जाएगा।
FIR lodged in Bhopal, Delhi, chaos in Congress
भोपाल जिला अदालत के आदेश पर भोपाल पुलिस ने पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, कपिल सिब्बल समेत अन्य नेताओं पर गुरुवार को ही आदेश जारी किया है। पुलिस को 5 अक्टूबर तक कोर्ट को इस संबंध में सूचना प्रेषित करनी है। इससे पहले कांग्रेस नए तथ्यों के साथ कोर्ट जा सकती है। इसको लेकर राज्यसभा सांसद एवं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन् खा ने दिल्ली में वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिबल एवं अन्य वरिष्ठ वकीलों से चर्चा की है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने व्यापमं मामले में निजी केस दायर किया है। इस मामले में दिग्विजय सिंह की ओर से पिछले ह ते कोर्ट में दस्तावेज एवं बयान दर्ज भी कराए। भाजपा ने दिग्विजय सिंह द्वारा कोर्ट में सौंपे गए कुछ दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में शिकायत कर बताया कि कांग्रेस ने गलत तथ्य सौंपे। जिसके आधार पर कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं पर एफआईआर के आदेश कर दिए हैं।

कोर्ट बनता जा रहा सियासत का अखाड़ा
विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल जनता से जुड़े मुद्दों को छोड़कर आपसी आरोप प्रत्यारोप में लगे हैं। यही कारण इन दिनों राजनीतिक दलों ने कोर्ट को सियासी अखाड़ा बना लिया है। आए दिन कोर्ट के माध्यम से एक-दूसरे को पटकनी देने के लिए सियासी चालें चल रहे हैं। हाल ही में राजनीतिक दलों ने कोर्ट में ऐसे प्रकरणों को उठाया है, जो सियासत के मुद्दे हैं।

व्यापमं मामले की सीबीआई जांच चल ही है, इसके बावजूद भी कोर्ट में परिवाद दायर किया। इसके बाद भाजपा ने दिग्विजय द्वारा पेश किए गए तथ्यों के आधार पर एफआईआर की मांग कर डाली। इसी बीच कांगे्रस नेता केके मिश्रा की जमानत निरस्त करने का फैसला भी आया। इन केंसों के अलावा भी निकट भविष्य में दोनों दलों की ओर से कोर्ट में अन्य प्रकरण भी उठाए जाएंगे।