- देश में कोरोना वायरस से आठवीं मौत, मुंबई में विदेशी नागरिक ने तोड़ा दम
TIO भोपाल
भोपाल में सोमवार सुबह 11 बजे तक सड़कों पर चहल पहल रही इस खबर को द इंडियन आर्ब्जवर ने प्रमुखता से उठाया जिसके बाद भोपाल में लाकडाउन सफल होता दिख रहा है यदि लोग भीड़भाड़ में न जाए तो कोरोना से जंग जीत सकते है।
ज्ञात हो कि इसके पहले द इंडियन आर्ब्जवर ने: कोरोना वायरस की वजह से राजधानी भोपाल को 31 मार्च तक के लिए टोटल लॉकडाउन किया गया है। भोपाल में सुबह सन्नाटा पसरा रहा लेकिन दस बजे के बाद सड़कों पर चहल पहल नजर आई, यदि ऐसा ही चलता रहेगा और भीड़ कम नहीं हुई तो कोरोना वायरस ओर तेजी से फेलेगा। भोपाल के अशोका गार्डन, इतवारा, मंगलवारा सहित कई इलाकों में सड़क पर वाहनों का आवाजाही लगातार है। वहीं कई जगह भीड़ भी नजर आ रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर लॉकडाउन को गंभीरता से लेने की अपील की है। लेकिन लोगों पर इसका असर नहीं हो रहा । प्रशासन को इस ओर सख्त कदम उठाना पड़ेगा तभी इस वायरस के खिलाफ भोपाल जंग जीत सकता है।
रविवार की दोपहर दो दिन के लिए ये फैसला लिया गया गया थो लेकिन, देर रात इसे 31 मार्च की मध्यरात्रि तक बड़ा दिया गया। हालांकि देर रात जारी आदेश में कुछ संशोधन किए गए हैं। अब लोग होम डिलेवरी के जरिए भोजन मंगा सकते हैं। भोपाल से 31 मार्च तक सभी फ्लाइटों रोक लगा दी है।
अभी यहां से कुल 28 उड़ानें संचालित हो रही थीं। भोपाल जिले की सीमा से लगने वाले जिलों रायसेन, सीहोर, विदिशा और होशंगाबाद को भी लॉकडाउन कर दिया गया है। पुलिस आज सुबह से लोगों को घरों में रहने की समझाइश दे रही है।
रविवार को जनता कर्फ्यू के सफल रहने के बाद सोमवार लॉकडाउन का पहला दिन है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है। रविवार की तरह आज भी लोग मार्नि्ंगवॉक के लिए अपने घरों से नहीं निकले। नए भोपाल में सुबह से इक्का-दुक्का वाहन ही नजर आ रहे हैं। जिला प्रशासन ने रविवार देर रात तक मुनादी कराकर कोरोनावायरस के चलते पूरे भोपाल को 31 मार्च तक टोटल लॉकडाउन रहने की मुनादी कराई था। व्यापारियों से ये अनुरोध किया गया था कि वे जरूरी सेवाओं के अलावा कोई भी अपनी दुकान नहीं खोले।
इनपर रहेगा प्रतिबंध
- भोपाल से 31 मार्च तक सभी फ्लाइटों रोक लगा दी है। अभी यहां से कुल 28 उड़ानें संचालित हो रही थीं।
- किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। बसें, ट्रेनें, ऑटो, टैक्सी पूरी तरह बंद रहेंगी।
- सभी धार्मिक स्थल 31 तक बंद रहेंगे।
- भोपाल जिले की सीमा सील होने के बाद रेल और सड़क मार्ग से प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा लोगों को जिले के बाहर जाना भी प्रतिबंधित किया गया है।
- जिले के सभी सरकारी और अर्ध शासकीय दफ्तर बंद कर दिए गए हैं। इससे इमरजेंसी सेवाएं स्वास्थ्य, फायर ब्रिगेड, राजस्व, पुलिस, बिजली, दूरसंचार, नगरपालिका, पंचायत आदि मुक्त रहेंगे।
इन पर रहेगी छूट
- मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, अस्पताल, सब्जी, किराना दुकान, सांची पॉर्लर को छोड़कर शेष समस्त व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।
- इमरजेंसी ड्यूटी करने वाले सरकारी कर्मचारी केवल ड्यूटी के प्रयोजन से लॉकडाउन से मुक्त रहेंगे। कर्मचारियों को अपने साथ आईकार्ड रखना अनिवार्य होगा।
- घर-घर जाकर दूध बांटने वाले दूध विक्रेता एवं न्यूज पेपर हॉकर सुबह 6.30 से 9.30 बजे तक लॉकडाउन से मुक्त रहेंगे।
- अगर किसी व्यक्ति को घर, शहर या जिले से बाहर जाना अावश्यक हाे तो उसे थाना क्षेत्र से अनुमति लेना जरूरी होगा।
- खाने की होम डिलीवरी और टिफिन सेंटर के साथ दीनदयाल रसोई चालू रहेगी।
मंत्रालय में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश बंद
कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा को देखते हुए मंत्रालय में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। सोमवार को भी मंत्रालय में प्रथम और द्वितीय श्रेणी के चुनिंदा अधिकारियों के साथ सेक्शन के कुछ कर्मचारी ही बुलाए गए हैं, ताकि कामकाज हो सके। मंत्रालय में मीडिया का भी प्रवेश फिलहाल नहीं होगा।
56 साल में पहली बार भेल दो दिन बंद रहेगा
भोपाल में भेल की स्थापना के 56 साल बाद पहली बार यह स्थिति बनी है कि भेल को दो दिन सोमवार और मंगलवार को बंद रहेगा। इसके पहले छोटी-बड़ी हड़ताल हुई। और भी परिस्थितियां बनी, लेकिन कभी भी पूरी तरह से उत्पादन बंद नहीं हुआ। भेल अफसरों का कहना है कि नवंबर 1964 में भोपाल में भेल की स्थापना की गई थी। 1984 और 1992 के दंगों के हालात में भी भेल कारखाना बंद नहीं हुआ था। एक खास बात यह भी है कि मार्च के महीने में उत्पादन का टारगेट पूरा करने के लिए हर साल भेल में ओवरटाइम होता है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बंद करने की नौबत आ गई है। सभी स्थितियों पर नजर रखे हुए हैं।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को संविदा नियुक्ति पर रखेंगे
स्वास्थ्य विभाग अपने सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को तीन महीने की संविदा पर रखेगा। संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति जल्द से जल्द की जा सके इसको ध्यान में रखते हुए संविदा आधार पर भर्ती करने के निर्देश तमाम जिलों के कलेक्टरों को दिए गए हैं। इसके आदेश रविवार को जारी कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक स्वाति मीणा नायक ने कलेक्टरों को निर्देश जारी करते हुए कोरोना वायरस को काबू करने के लिए जिलों में रैपिड रिस्पांस टीम बनाने और अस्पतालों में आईसीयू, आइसोलेशन वार्ड के लिए स्टाफ की भर्ती के लिए जिला स्तर पर कलेक्टरों को अधिकार दिए गए हैं। कलेक्टर सेवानिवृत्त डॉक्टर, स्टाफ नर्स, एमपीडब्ल्यू समेत दूसरे आवश्यक स्टाफ की संविदा अाधार पर भर्ती कर सकेंगे।
नर्मदा नदी के घाटों पर 31 मार्च तक स्नान में प्रतिबंध
लागातार दूसरे दिन घर से बाहर नहीं निकलने की मनाही के बाद राजधानीवासी थोड़ा असहज तो महसूस तो कर रहे हैं लेकिन, खुद की सेहत के लिए ये बेहद जरूरी हो गया है। सीहोर जिले में नर्मदा नदी के घाटों पर आगामी 31 मार्च तक के लिए स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिला कलेक्टर अजय गुप्ता ने 31 मार्च तक ज़िले के किसी भी घाट पर धार्मिक अथवा अन्य किसी भी कारण से किये जाने वाले स्नान पर प्रतिबंध लगाया गया है। कल अमावस्या के उपलक्ष्य में आंवली घाट पर होने वाले स्नान पर भी पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध नागरिकों के हित में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाया गया है।
रायसेन भी लॉकडाउन
कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के मद्देनजर मध्यप्रदेश के रायसेन जिलों को आज से आगामी 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन किया गया है। जिला कलेक्टर उमाशंकर भार्गव द्वारा कल रात आदेश जारी कर जिले को आगामी 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाओं को अलग रखा गया है। लॉकडाउन 31 मार्च की रात 12 बजे तक प्रभावशील रहेगा।