पूर्व वित्तमंत्री व उनके बेटे ने पर एयरसेल से 1.13 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का सीबीआई ने लगाया आरोप

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नई दिल्ली। एयरसेल-मैस्किस डील मामले में सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर निजी तौर पर 1.13 करोड़ रुपये की घूस लेने का आरोप लगाया है। जांच एजेंसी का कहना है कि मैक्सिस की ओर से एयरसेल में 3,560 करोड़ रुपये के अवैध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी देने के बदले चिदंबरम के बेटे कार्ति ने रिश्वत ली थी। केंद्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चिदंबरम को 2006 से 2012 के बीच यह रकम हासिल हुई थी।
Former Finance Minister and his son charged with CBI’s bribe to get 1.13 crore rupees from Aircel
यह रकम उस अमाउंट का ही हिस्सा थी, जिसे कार्ति के नियंत्रण वाली उन कंपनियों में लगाया गया, जिन पर कार्ति का नियंत्रण था। मैक्सिस की सहायक कंपनियों के द्वारा कार्ति की कंपनियों में निवेश किया गया। यह भारत में तो किया ही गया बल्कि विदेशों से भी इस रकम को भेजा गया। बता दें कि पी. चिदंबरम लगातार यह कहते रहे हैं कि एयरसेल-मैक्सिस डील में कोई गड़बड़ी नहीं थी।

सोमवार को भी उन्होंने ट्वीट किया, ‘विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की ओर से मुझे इस निवेश का प्रस्ताव दिया गया था। यह प्रस्ताव उन 20 अन्य प्रपोजल्स में ही शामिल था, जिन्हें मैंने मंजूरी दी थी।’ एयरसेल-मैक्सिस डील पर ‘मंजूरी के बदले रिश्वत’ नाम से चैप्टर में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि अडवांटेज स्टेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड ने मैनेजमेंट कंसल्टेंसी सर्विसेज के नाम पर एयरसेल से 29 मार्च, 2006 को 27.55 लाख रुपये हासिल किए थे।

यह कंपनी कार्ति के पारिवारिक सदस्यों के फाइनैंशल मामलों को संभालने वाले एस. भास्करन के नेतृत्व में काम करती थी। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा कि इस कंपनी के पास कंसल्टेंसी की सेवाएं देने के लिए स्किल्ड प्रफेशनल्स ही नहीं थे और न ही कोई मैनेजमेंट कंसल्टेंसी कंपनी ने एयरसेल को दी थी।

सीबीआई को केस में नहीं, मीडिया ट्रायल में दिलचस्पी: चिदंबरम
सीबीआई के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘सीबीआई मामले में निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया नहीं चाहती, बल्कि वह मीडिया ट्रायल कराना चाहती है।’ पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट किया, ‘सीबीआई का आरोपपत्र उन लोगों को नहीं दिया गया जिनके नाम इसमें हैं। इसे एक अखबार को लीक किया गया जो इसे किस्तों में प्रकाशित कर रहा है।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘सीबीआई को अदालत में निष्पक्ष सुनवाई में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह मीडिया ट्रायल चाहती है। सीबीआई न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बना रही है।’