क्षितिज का चौथा पोएट्री इवेंट दिल्ली में सफलतापूर्वक हुआ संपन्न

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नई दिल्ली, TIO

क्षितिज द्वारा प्रचार-प्रसार हेतु आयोजित नवीनतम कार्यक्रम में कई प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूजा जग्गी जी, संगीता दूहन जी और राजेश कुमार त्रिपाठी जी मौजूद थे। ये कार्यक्रम क्षितिज का एक और प्रयास था अधिक से अधिक युवाओं से जुड़ने का और उन्हे साहित्यिक जगत में आगे लेकर आने का। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर के की गयी।
इसके पश्चात क्षितिज संस्थापिका रंजीता अशेष जी ने सभी मौजूद श्रोतागण को क्षितिज और क्षितिज की कार्यशैली के बारे में जानकारी देकर अपनी जगह ली। इसके बाद कार्यक्रम के संचालक अनुराग और प्रिंस ने प्रतिभागियों को बुलाने का सिलसिला शुरू किया।
अगले ढाई घण्टों में कुल १६ प्रतिभागियों ने विविध विविध विषयों पर अपनी रचना सभी के समक्ष प्रस्तुत की। हर रचना की अपनी अलग विशेषता थी। किसी रचना से मिट्टी की खुश्बू आती तो कोई अपनी रचना से मोहब्बत के सागर में गोते लगवाता प्रतीत होता था। जहाँ कोई परिवार का महत्व का वर्णन कर रहा था वहीं कुछ प्रतिभागियों ने हास्य का तड़का भी अपनी रचना में लगाया।
इन सभी के बीच क्षितिज के प्रथम प्रकाशित लेखक शुभांग डिमरी ने अपनी दो रचनाओं से श्रोताओं को बाँधे रखा। उनकी हास्य रचना “सावन के जाते ही श्राद्ध आ जाते हैं” ने विशेष तौर पर सभी को खूब हँसाया। इसके पश्चात समय था क्षितिज के विशिष्ट खंड GMP (Grooming, Motivation and Poetry) का।
इस के दौरान मुख्य अतिथि पूजा जी, संगीता जी और राजेश जी ने काव्य, सकारात्मक सोच और व्यक्तित्व को निखारने की टिप्पणी सभाघर में मौजूद लोगों के साथ साझा की। GMP खंड का संचालन क्षितिज संस्थापिका रंजीता जी ने किया। ४५ मिनट चले इस खंड में श्रोताओं को बहुत कुछ नया सीखने को मिला जो यकीनन उनके काव्य और व्यक्तित्व में निखार ले कर आएगा।
गायक हरदीप राजा तथा धनंजय चौधरी उर्फ “डी” इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहे जहाँ हरदीप ने राहत फतेह अली खान साहब के गाने गाकर समा बांध दिया वहीं धनंजय ने अपनी अनोखी प्रतिभा बीट बॉक्सिंग से सबका दिल जीत लिया ।  क्षितिज की यह कोशिश है  की  सभी कलाकारों को  एक मंच पर  हम  दर्शकों  के सामने  ला पाएँ । कविता को आम  जनता  तक  ले जाने के लिए  उसका  मनोरंजक होना  अति आवश्यक है।
GMP सेशन अंत होने के बाद समय था पारितोषिक वितरण का जिसका सभी प्रतिभागी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। निर्णायकों के अंक और जनता द्वारा किए गए मतदान से अंश राजौरा इस प्रतिस्पर्धा के विजेता बन कर उभरे। अंश जी की तरन्नुम में गायी हुई ग़ज़ल ने हर एक श्रोता का मन मोह लिया और यही उनके विजय होने का कारण रहा।
अंजू मल्होत्रा जी और शशि धनगर जी क्रमशः द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहीं। कदापि श्रोताओं का मन तो न था परन्तु हर महफ़िल कभी ना कभी अंजाम तक पहुँचती ही है इसके साथ जल्द ही एक बार फ़िर कुछ बड़ा लाने के वादे के साथ क्षितिज परिवार ने कार्यक्रम का समापन किया।