गगन के सितारे इशारा करेंगे
कही मौज़ को भी किनारा करेंगे।
नही खौफ अब टूटने का मुझे है
गिरे तो दिलेरी दुबारा करेंगे।
तुम्हे शौक होगा महज़ चाँदनी का
बिना चाँद हम ना गुजारा करेंगे।।
फसाना कभी तो सुनो ना हमारा
किताबों में जज़्बे उतारा करेंगे।
सहारा न जो ‘पल्लवी’ हो किसी का
सफर में ख़ुदी को पुकारा करेंगे।
©पल्लवी
क्षितिज ..व्येर ड्रीम्स मीट रिएलिटी एक साहित्यिक संस्था है जो श्रीमती रंजीता अशेष के द्वारा युवा कवियों के लिए बनाई गई है ।
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