आतंकियों के हमदर्द आफरीदी को गंभीर ने लगाई लताड़: मानसिक रूप से अपरिपक्व हैं सईद

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नई दिल्ली। भारतीय बल्लेबाज गौतम गंभीर ने जम्मू-कश्मीर में रविवार को सेना के आतंकरोधी अभियान के तहत मारे गए 12 आतंकियों से हमदर्दी जताने पर पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी को लताड़ लगाई है।

अफरीदी ने मंगलवार को ट्वीट कर कश्मीर की स्थिति को बेचैन करने वाला बताया और संयुक्त राष्ट्र के साथ ही दूसरे अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर भी सवाल खड़े किए। इसके जवाब में भारतीय बल्लेबाज और दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान गंभीर ने उन्हें जमकर लताड़ा। अफरीदी ने ट्वीट में लिखा है कि कश्मीर की स्थिति बेचैन करने वाली और चिंताजनक है। यहां आत्मनिर्णय और आजादी की आवाज को दबाने के लिए दमनकारी शासन द्वारा निदरेषों को मार दिया जाता है। हैरान हूं कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन कहां हैं? वे इस खूनी संघर्ष को रोकने के लिए कुछ क्यों नहीं कर रहे?

इसके जवाब में गंभीर ने लिखा कि मीडिया मुझ से अफरीदी के बयान पर राय देने के लिए कह रही है। इस पर क्या कहा जाए। अफरीदी सिर्फ यूएन को देख रहे हैं। अफरीदी के लिए यूएन अंडर-19 की तरह है। मीडिया को शांत रहने की जरूरत है, क्योंकि अफरीदी नो बॉल पर आउट करने का जश्न मना रहे हैं। गौतम ने अंडर-19 को उनकी उम्र से जोड़ा है। यानि गौतम का कहना था कि अफरीदी की उम्र तो बढ़ गई है, लेकिन मानसिक रूप से वह अभी भी अपरिपक्व हैं।

यह पहली बार नहीं है जब अफरीदी ने कश्मीर का मुद्दा उठाया हो। पिछले साल भी उन्होंने ऐसा ही ट्वीट किया था। तब अफरीदी ने लिखा था कि कश्मीर पिछले कई दशकों से क्रूरता का शिकार हो रहा है, अब वक्त आ गया है कि इस मुद्दे को सुलझा लिया जाए, जिसने कई लोगों की जान ली।

दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि कश्मीर धरती पर स्वर्ग है और हम मासूमों की पुकार को अनदेखा नहीं कर सकते। वहीं गंभीर हमेशा से भारत और भारतीय सेना के लिए खड़े रहते हैं। उन्होंने सुकमा हमले में शहीदों को अपनी आइपीएल की विजेता राशि भेंट कर दी थी। वह ऐसा कई बार कह चुके हैं कि अगर वह क्रिकेटर नहीं होते तो भारतीय सेना का हिस्सा होते। उन्होंने देशवासियों से यह भी अपील की थी कि अपनी ङिाझक तोड़कर सैनिकों का सम्मान करें।