जियो के 501 रुपए का आॅफर फीचर फोन मार्केट में उथल-पुथल मचाने की तैयारी में

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नई दिल्ली। टेलिकॉम सेक्टर की तरह ही रिलायंस जियो अब देश के फीचरफोन मार्केट में भी बड़ी उथल-पुथल मचाने की तैयारी में है। रिलायंस के दूरसंचार उद्योग में कदम रखने के बाद प्राइवेट कंपनियों की संख्या 8 से घटकर 3 पर आ गई है। वहीं, अब कंपनी किसी भी पुराने फीचरफोन को 501 रुपये में अपने 4जी वोल्ट आधारित जियोफोन से बदलने का आॅफर दे रही है।
Geo 501 worth of feature phones to prepare for turmoil in the phone market
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के 21 जुलाई से लागू होने वाले इस आॅफर से जियो के मार्केट शेयर में बढ़ोतरी होगी। कंपनी के इस कदम से जियो हैंडसेट मार्केट में भी अच्छी-खासी हिस्सेदारी हासिल कर सकती है।

रिलायंस को उम्मीद है कि उसके इस आॅफर से फीचरफोन पर फोकस करने वाली छोटी कंपनियां मैदान छोड़ देंगी। वहीं, बड़ी कंपनियां नुकसान कम करने के लिए प्रॉडक्शन घटा देंगी। इंटरनैशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) इंडिया के सीनियर मार्केट एनालिस्ट जसपाल सिंह ने बताया, कंपनी के इस आॅफर में काफी हद तक 2जी मार्केट को प्रभावित करने की क्षमता है। इससे फीचर फोन बाजार में तेजी से कंसॉलिडेशन हो सकता है।

उन्होंने कहा, छोटे वेंडर इस कैटिगरी से हटने के लिए मजबूर हो जाएंगे, जबकि बड़े खिलाड़ी शॉर्ट-टर्म में प्रॉडक्शन वॉल्यूम कम कर सकते हैं। इसके बाद वे उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जहां अभी भी 2जी हैंडसेट की मांग बनी हुई है। फीचरफोन सेगमेंट में सैमसंग, आईटेल, नोकिया, माइक्रोमैक्स, लावा, कार्बन, इंटेक्स और जीवी जैसे भारतीय कंपनियां मौजूद हैं। वहीं, 1 लाख यूनिट के करीब फीचरफोन की बिक्री करने वाली रॉकटेल, जीफाइव, आईकॉल, क्यूटेल, मिडो, स्नेक्सियन, एमटीआर जैसी छोटी कंपनियों को कामकाज बंद करने पर मजबूर होना पड़ सकता है क्योंकि वे जियो की मनी पावर का मुकाबला नहीं कर पाएंगी।

इस बारे में काउंटरपॉइंट रिसर्च के असोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक का कहना है कि सैमसंग, आईटेल और यहां तक कि भारतीय कंपनियों को भी प्रॉडक्ट्स की क्वॉलिटी सुधारने के साथ रणनीति बदलनी पड़ेगी क्योंकि उनकी बिक्री का ज्यादातर हिस्सा फीचरफोन सेगमेंट से ही आता है। काउंटरप्वाइंट के मुताबिक, इस साल मार्च में फीचरफोन मार्केट में जियोफोन ने 35.8 पर्सेंट शेयर के साथ पहली पोजिशन हासिल की थी। इसके बाद सैमसंग की 9.8 पर्सेंट, आईटेल की 9.4 पर्सेंट, नोकिया की 7.3 पर्सेंट और लावा की 5.6 पर्सेंट बाजार हिस्सेदारी थी।

रिलायंस ने मॉनसून हंगामा स्कीम के तहत फीचरफोन एक्सचेंज आॅफर ऐसे समय में पेश किया है, जब कंपनियां फेस्टिव सीजन को देखते हुए प्रॉडक्शन बढ़ाती हैं। सूत्रों के मुताबिक, फीचरफोन कंपनियां इस सेगमेंट में कम मार्जिन के साथ बिजनेस कर रही थीं। प्रिंटेड सर्किट बोर्ड्स की असेंबली पर ड्यूटी बढ़ाने और डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी ने पहले से ही उनकी मुश्किलें बढ़ाई हुई हैं।