कोलकाता। रिलायंस जियो इन्फोकॉम रेवेन्यू मार्केट शेयर के हिसाब से भारत की तीसरे नंबर की टेलिकॉम कंपनी बन गई है। उसने आइडिया सेल्युलर को पीछे छोड़ दिया है और वोडाफोन इंडिया के करीब पहुंचती दिख रही है। उसकी आक्रामक प्राइसिंग स्ट्रैटेजी ने दूसरी कंपनियों की नींद हराम कर दी है।
Geo-made Infocom Revenue Market Share, according to the third telecom company
टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी आॅफ इंडिया की ओर से दिए गए फाइनैंशल डेटा के मुताबिक, कामकाज शुरू करने के महज 19 महीनों में मुकेश अंबानी के नियंत्रण वाली जियो का रेवेन्यू मार्केट शेयर मार्च अंत तक 20 पर्सेंट तक जा चुका था। आइडिया का रेवेन्यू मार्केट शेयर घटकर 16.5 पर्सेंट पर आ गया, जबकि दूसरे नंबर की कंपनी वोडाफोन इंडिया का फटर बढ़कर 21 पर्सेंट हो गया। सुनील मित्तल के नियंत्रण वाली भारती एयरटेल का फटर करीब 32 पर्सेंट है। भारती को टाटा टेलिसर्विसेज के साथ इंट्रा-सर्कल रोमिंग पैक्ट करने से फायदा हुआ। टाटा टेली का कंज्यूमर मोबिलिटी बिजनस एयरटेल खरीद रही है।
इसी महीने आइडिया और वोडाफोन इंडिया का मर्जर पूरा होगा, जिससे 63000 करोड़ रुपये की आमदनी वाली कंपनी बनेगी, जिसके पास लगभग 43 करोड़ सब्सक्राइबर होंगे। वोडाफोन इंडिया और आइडिया के मर्जर से बनने वाली कंपनी 37.5% आरएमएस और सबसे बड़े यूजर बेस के साथ मार्केट लीडर बन जाएगी। उसके बाद एयरटेल और जियो का नंबर होगा। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा, ‘जियो 18 सर्कल्स में पहले ही नंबर 1 या नंबर 2 पर है। 15 सर्कल्स में उसके पास 25 पर्सेंट एजीआर मार्केट शेयर है।’
जिया ने सितंबर 2016 में अखिल भारतीय 4जी नेटवर्क के साथ कामकाज शुरू किया था। ट्राई के जुटाए गए डेटा की एनालिसिस करते हुए आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक नोट में कहा कि मार्च क्वॉर्टर में उसका एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (नेशनल लॉन्ग डिस्टेंस रेवेन्यू सहित) तिमाही आधार पर 18 पर्सेंट से ज्यादा बढ़कर 6300 करोड़ रुपये हो गया था। वहीं एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया के लिए आंकड़ा क्रमश: 5.5 पर्सेंट, 4.8 पर्सेंट और 8.8 पर्सेंट घटकर 10,100 करोड़ रुपये, 6700 करोड़ और 5200 करोड़ रुपये रहा।
फिलिप कैपिटल के टेलिकॉम एनालिस्ट नवीन कुलकर्णी ने कहा, ‘जियो की दमदार फटर ग्रोथ को देखते हुए वह आसानी से नंबर 2 पर मौजूद वोडाफोन इंडिया (स्वतंत्र रूप से) को वित्त वर्ष 2019 के पहले क्वॉर्टर में पीछे छोड़ सकती है।’ आईसीआईसीआई सिक्यॉरिटीज के टेलिकॉम रिसर्च एनालिस्ट संजेश जैन ने कहा कि ‘मार्च क्वॉर्टर के दौरान भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया की तिमाही एजीआर ग्रोथ 22 सर्कल्स में से क्रमश: छह, पांच और दो सर्कल्स में ही रही। हो सकता है कि इसके चलते जियो का रेवेन्यू शेयर दमदार ढंग से बढ़ा हो।’ एजीआर का मतलब वह एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू है, जो लाइसेंस्ड सर्विसेज से हासिल होती है।