‘सत्ता परिवर्तन’ के बाद यही बड़ा सवाल होगा
बदलेगा ‘तंत्र’ या पहले से कहीं बुरा हाल होगा
वही होगा ‘वादों’ का हश्र, जो अब तक होता आया है
या ‘अच्छे दिनों’ से भी बेहतर कोई कमाल होगा
न खाएंगे और खाने देंगे, सच में ऐसा होगा चमत्कार
या अब से लाख बड़ा कोई सत्ता में दलाल होगा
अगर मुकर गए अपनी बात से तो यकीं जानों!
सरकार बदलने का हमको बहुत मलाल होगा।
अमिताभ बुधौलिया