मनमोहन सिंह और रघुराम राजन के वक्त सरकारी बैंक सबसे खराब दौर में थे: वित्त मंत्री

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न्यूयॉर्क

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कोलंबिया यूनिवर्सिटी में लेक्चर के दौरान कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल सरकारी बैंकों के लिए सबसे खराब दौर था। उनके समय में करीबी नेताओं के फोन पर लोन दे दिए जाते थे। उस दलदल से निकलने के लिए पीएसयू बैंक अभी तक सरकार से मिलने वाली पूंजी पर निर्भर हैं। सीतारमण ने कहा कि अब सभी सरकारी बैंकों की मदद करना उनकी प्राथमिकता है।

राजन ने मोदी सरकार को केंद्रीकृत कहा था

  1. रघुराम राजन ने पिछले दिनों एक लेक्चर में कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल में अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा काम नहीं किया, क्योंकि सरकार पूरी तरह केंद्रीकृत थी। ऐसा नहीं लगता कि आर्थिक विकास दर हासिल करने के लिए सरकार का नजरिया एक जैसा और स्पष्ट तौर पर व्यक्त है। इस पर टिप्पणी करते हुए सीतारमण ने कहा- मुझे यकीन है कि डॉ. राजन इस बात से सहमत होंगे कि मनमोहन सिंह का भारत के प्रति ‘एक जैसा और स्पष्ट तौर पर व्यक्त’ दृष्टिकोण रहा होगा।
  2. सीतारमण ने कहा- मैं आभारी हूं कि राजन ने असेट क्वालिटी रिव्यू किया, लेकिन लोग ये जानना चाहते हैं कि बैंकों की आज जो हालत है उसके लिए कौन जिम्मेदार है? सीतारमण ने तंज कसते हुए कहा- एक अच्छे स्कॉलर के तौर पर राजन का सम्मान करती हूं, उन्होंने उस वक्त आरबीआई का गवर्नर बनना तय किया था जब भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर थी।
  3. सीतारमण ने कहा कि अगर कहीं ऐसी सोच है कि भारत का नेतृत्व केंद्रीकृत हो चुका है तो मैं कहना चाहूंगी कि नेतृत्व के बहुत ज्यादा लोकतांत्रिक होने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। लोकतांत्रिक की बजाय प्रभावी नेतृत्व होना जरूरी है। भारत की तरह विविधतापूर्ण और प्रभावी नेतृत्व वाला देश होना चाहिए। पहले के भ्रष्टाचार की दुर्गंध से डर लगता है, जिसे हम आज तक साफ कर रहे हैं।