भोपाल। अस्पतालों में आॅक्सीजन की समस्या के निदान के लिए सरकार स्थाई कदम उठाने जा रही है। इसके लिए प्रदेश के 20 जिला अस्तपालों में आॅक्सीजन प्लांट लगाए जाने की तैयाारी है। पहले चरण में 300 बिस्तर से ज्यादा वाले जिला अस्पतालों को लिया गया है। यहां यह व्यवस्था सफल रही तो बाकी जिला अस्पतालों में भी ऐसे प्लांट बनाए जाएंगे। जिसमें राजधानी का जेपी अस्पताल भी शामिल हैं। वर्तमान में मप्र के बैतूल जिले के पाढर के निजी अस्पताल में आॅक्सीजन प्लांट लगा है।
Government to tackle oxygen problem in 20 district hospitals: Oxygen Plant
प्लांट से पाइप लाइन के जरिए मरीज के बेड तक आॅक्सीजन की सप्लाई की जाएगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आॅक्सीजन खत्म होने का जोखिम नहीं रहेगा। साथ ही मरीज को फौरन आॅक्सीजन मिल जाएगी। अभी सिलेंडर लाकर लगाने में वक्त लगता है। यह व्यवस्था सस्ती भी पड़ेगी।
पिछले साल अगस्त में गोरखपुर के एक मेडिकल कॉलेज में आॅक्सीजन सप्लाई बंद होने से 33 मासूमों की मौत हो गई थी। मध्यप्रदेश में इंदौर के एमवाय व चाचा नेहरू अस्पताल में आक्सीजन खत्म होने से मौत के मामले सामने आ चुके हैं।
ऐसे काम करता है प्लांट
प्लांट में वातावरण से गैसों को खींचने की क्षमता होती है, जिससे आॅक्सीजन व नाइट्रोजन को खींच लिया जाता है। इसके बाद नाइट्रोजन को बाहर निकाला जाता है। आॅक्सीजन को फिल्टर करने के बाद कंप्रेस्ड फार्म में एक टैंक में रखा जाता है। यहां से पाइप लाइन के जरिए अस्पताल में आॅक्सीजन सप्लाई की जाती है।
20 बड़े सिलेंडर के बराबर होगी क्षमता
हर अस्पताल के प्लांट की क्षमता 20 जंबो (बड़े) सिलेंडर के बराबर आॅक्सीजन रोजाना बनाने की होगी। 300 बिस्तर से बड़े अस्पतालों में लगभग इतने ही सिलेंडर रखे जाते हैं। हालांकि, इनका उपयोग 25 फीसदी भी रोजना नहीं होता। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि एक अस्पताल में प्लांट लगाने का खर्च 50 लाख रुपए है।
सिलेंडर से आॅक्सीजन सप्लाई में यह आ रही थी दिक्कत
कई जिला अस्पतालों में 100 से 150 आॅक्सीजन सिलेंडर दूर से लाने पड़ते हैं। मसलन बैतूल के जिला अस्पताल में भोपाल या नागपुर से सिलेंडर जाता है। सिलेंडर खत्म होने से मरीजों की जिंदगी का जोखिम रहता है। सिलेंडर में लीकेज की समस्या भी होती है। सिलेंडर को अस्पताल में रखने की समस्या आती है। कई बार सिलेंडर खुलने में दिक्कत होती है।
इन अस्पतालों में लगेंगे प्लांट
स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव के अनसार वर्तमान में भोपाल, राजगढ़, गुना,खण्डवा, जबलपुर, छिंदवाड़ा, रतलाम, सिवनी, शहडोल, मंदसौर, खरगौन, उज्जैन, देवास, विदिशा, भिंड, रायसेन, सागर, सतना, दतिया,भिंड, दमोह, छतरपुर, शिवपुरी, मुरैना, होशंगाबाद,मंडला, बड़वानी में प्लांट लगना है।
अभी करीब 20 जिला अस्पतालों में आॅक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाया जाना है। अभी यह प्रक्रिया में है। महीने भर में रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) अपलोड किया जाएगा। टेंडर फाइनल होने के बाद प्लांट लगाने का काम शुरू होगा। जिलों के नाम अभी तय किए जाने हैं।
धनराजू एस, स्वास्थ्य संचालक व मिशन डायरेक्टर (एनएचएम)