सीएम के काफिले पर पथराव, भाजपा भी चिंतित

0
280

भोपाल। एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के बाद मध्यप्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में बवाल मचा हुआ है। रविवार देर रात सीधी जिले की चुरहट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रथ पर पथराव के बाद सीएम की सुरक्षा को लेकर सरकार चिंतित हो गई है। सोमवार को इस मुद्दे पर अधिकारियों की बड़ी बैठक होने की संभावना है।
Government worried about safety of Shivraj after stone pelting on CM’s convoy
इस आंदोलन से भाजपा और कांग्रेस के नेताओं में घबड़ाहट दिखाई दे रही है। राज्य सरकार पूरे प्रदेश में पहली बार एक साथ धारा 144 लगाने पर विचार कर रही है। ग्वालियर-चंबल संभाग के कुछ जिलों में 3-4 सित बर एवं 7-8 सित बर को इंटरनेट सेवाएं बंद करने पर भी विचार चल रहा है।

पिछले 4-5 दिन में एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ आंदोलन में गति पकड़ ली है। मप्र के 25से ज्यादा जिलों में आंदोलन फेल चुका है। खास बात यह है कि राज्य मंत्रालय में बैठकर सपाक्स और अपाक्स जैसे संगठन चलाने वाले आईएएस अधिकारी भी इस आंदोलन को अपने-अपने स्तर पर हवा दे रहे हैं। रविवार को सपाक्स के संयोजक रिटायर आईएएस हीरालाल त्रिवेदी नीमच पहुंचे जहां बड़ी सं या में लोगों ने रैली निकालकर आरक्षण और एक्ट का विरोध किया। सोमवार को मंदसौर में बड़ी सं या में लोग रैली निकालने वाले हैं।

देवकीनंदन भी उतरे
मथुरा कथाकार देवकीनंदन महाराज कल 4 सितंबर को ग्वालियर में आयोजित सभा में इस एक्ट का विरोध करेंगे। एक्ट के खिलाफ ग्वालियर में जगह-जगह बैठकों के दौर चल रहे हैं। 4तारीख को ही युवाओं ने कटोरा ताल से मोती महल तक बड़ी वाहन रैली निकालने की घोषणा की है। भाजपा के कई बड़े नेता भी आंदोलन से जुड़ रहे हैं। ग्वालियर में केडी सोलंकिया और हरी मोहन पुरोहित आंदोलन से जुड़ गए हैं। श्योपुर में जिला भाजपा के कोषाध्यक्ष नरेश जिंदल भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर आंदोलन में कूंद गए हैं।

यह समाज हुए एक
मध्यप्रदेश में क्षत्रीय महासभा, यादव महासभा, गुर्जर महासभा, वैश्य महासभा, कायस्थ महासभा, कुशवाह महासभा सहित अनेक सामाजिक संगठन इस आंदोलन के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। यह सामूहिक बैठकें करके 8 सित बर को भारत बंद को लेकर तैयारियों में जुट गए हैं।

शहर, गांव, मोहल्लों में बैनर
मध्यप्रदेश के लगभग आधे शहरों, गांवों और मोहल्लों में लोगों ने अपने घरों के बाहर ैबनर लगाना शुरू कर दिया है कि हम सामान्य, पिछड़ा वर्ग के हैं नेता हमारे यहां वोट मांगने न आएं।

सुरक्षा को लेकर पार्टी करेगी विचार
सीएम के काफिले के ऊपर हुए हमले को लेकर प्रशासन और सरकार तो चिंतित है ही, साथ ही साथ भाजपा भी चिंता आ गई है। उसे यह समझ में नहीं आ रहा है कि चुनावी वर्ष में सीएम के काफिले पर इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। जिसे भाजपा बहुत गंभीरता से विचार कर रही है। एक अनौपचारिक बातचीत में भाजपा के बड़े नेता ने बताया कि इस पर पार्टी जरूर विचार करेगी।